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This Article is From Jul 09, 2024

Drunken Teacher: डिंडौरी जिले में नशेड़ी शिक्षकों की भरमार, एक विकासखंड में मिले 15 शराबी टीचर

Didauri Drunken Teachers: मेंहदवानी विकासखंड के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में तैनात शराबी शिक्षकों की संख्या 15 है. यहां 9 शिक्षक ऐसे भी हैं जो कई सालों से स्कूल ही नहीं जा रहे हैं. 7 ऐसे शिक्षकों की दो पत्नियां हैं, जो सिविल सेवा के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.

Drunken Teacher: डिंडौरी जिले में नशेड़ी शिक्षकों की भरमार, एक विकासखंड में मिले 15 शराबी टीचर
फाइल फोटो

Madhya Pradesh Teachers: डिंडौरी जिले के एक विकासखंड में 15 सरकारी अध्यापक शराब के नशे में स्कूल में नौनिहालों को पढ़ाने जाते हैं. जिले के मेंहदवानी बीईओ कार्यालय से जारी हुए एक पत्र में इसका खुलासा हुआ है, जिसने जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.

मेंहदवानी विकासखंड के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में तैनात शराबी शिक्षकों की संख्या 15 है. यहां 9 शिक्षक ऐसे भी हैं जो कई सालों से स्कूल ही नहीं जा रहे हैं. 7 ऐसे शिक्षकों की दो पत्नियां हैं, जो सिविल सेवा के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.

मेंहदवानी विकासखंड में सरकारी रिकार्ड में दर्ज़ हैं15 शराबी शिक्षक

रिपोर्ट के मुताबिक मेंहदवानी विकासखंड शिक्षाधिकारी एच एस मसराम ने जनजातीय कार्यालय डिंडौरी को पत्र लिखकर उपरोक्त शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की है. जनजातीय विभाग डिंडौरी के सहायक आयुक्त डॉक्टर संतोष शुक्ला से NDTV से बातचीत में बीईओ मेंहदवानी की पहल की तारीफ करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

सहायक आयुक्त ने आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का दिया आश्वासन

डिंडौरी सहायक आयुक्त का कहना है कि जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से न सिर्फ मेंहदवानी बल्कि जिले के सभी विकासखंडों में ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी. दिलचस्प है कि अगर एक विकासखंड में शराबी शिक्षकों की संख्या 15 है, तो पूरे जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या कितनी ज्यादा होगी,अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.

माना जा रहा है जब शिक्षक ही शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे, तो उन मासूम बच्चों का भविष्य कैसे संवेरगा. सरकारी स्कूलों में पढाई के नामपर नौनिहालों के भविष्य के साथ सीधे खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसकी पोल खुद शिक्षा विभाग के अधिकारी ने खोल दी है

बीईओ ने खोली जिले में शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में शिक्षा को बेहतर करने तमाम योजनाएं संचालित की जा रही है. स्कूल चलें हम, सर्व शिक्षा, सब पढ़ें सब बढ़ें जैसे सरकारी अभियान चलाए जा रहे हैं. निजी स्कूलों को मात देने करोड़ों रुपये की लागत से सीएम राइज व एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोले जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

 डिंडौरी जिले में ऐसे कैसे संवरेगा मासूम बच्चों का भविष्य?

माना जा रहा है जब शिक्षक ही शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे, तो उन मासूम बच्चों का भविष्य कैसे संवेरगा. सरकारी स्कूलों में पढाई के नामपर नौनिहालों के भविष्य के साथ सीधे खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसकी पोल खुद शिक्षा विभाग के अधिकारी ने खोल दी है, जो मध्य प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग की आंखें खोलने के लिए काफी है.

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