
Chhatarpur News : घुवारा तहसील के कारनामे आज कल मीडिया की सुर्खियों में हैं. अब एक और नया मामला सामने आया है जिसमें राजस्व निरीक्षक रात करीब 9 बजे सिमरिया तिराहे के पास अवैध तरीके से वाहन चेकिंग करते हुए अपनी धौंस जमाते हुए अवैध वसूली करने बैठ गए. उन्होंने अपने आपको एसटीएफ टीम प्रभारी बताते हुए लोगों के चार पहिया वाहनों को रोकना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने चार पहिया वाहन चालकों से गाली-गुफ्तार कर गाड़ियों से तोड़-फोड़ करना भी शुरू कर दिया.
जब स्थानीय लोगों ने राजस्व निरीक्षक का विरोध किया तो उन्होंने धमकी देते हुए कहा, 'अभी आदर्श आचार संहिता लागू है. अभी यहां किसी नेता की नहीं चलनी है. अभी हम प्रशासन के लोग नेता हैं. हम ही अधिकारी हैं.' प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी का इस तरह जनता के बीच बदसलूकी करना चिंताजनक होता है क्योंकि राजस्व निरीक्षकों की भूमिका विभाग और आमजनता में बेहद महत्वपूर्ण होती है. उन्हें लोगों के वित्त संबंधों को न्यायपूर्ण रूप से प्रशासित करने की जिम्मेदारी दी जाती है.
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मीडियाकर्मियों को देख अंधेरे में छिपे अधिकारी
भगवा थाना अंतर्गत सिमरिया तिगेला के पास घुवारा तहसील में पदस्थ भगवा राजस्व निरीक्षक जयलाल रावत अपने तीन साथियों के साथ गुरुवार की रात करीब 9 बजे सिमरिया तिगेला पर फर्जी एसटीएफ अधिकारी बनकर वाहनों की चेकिंग और वाहन संचालकों से अवैध वसूली करते कैमरे में कैद हो गए.
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गाड़ी चालक ने लगाए तोड़-फोड़ के आरोप
जयलाल रावत और उनके साथी घुवारा तहसीलदार ऋतु सिंघई के शासकीय वाहन में बैठते कैमरे में कैद हुए. मौके पर मौजूद स्कॉर्पियो के चालक हरदेव सिंह ने मीडिया के माध्यम से आरोप लगाते हुए कहा कि जयलाल रावत ने उनके वाहन को रोका और उनसे गाड़ी के कागजात मांगे. जब उन्होंने गाड़ी के कागजात दिए तो वह पैसे की मांग करने लगे. जब उन्होंने इस अवैध वसूली का विरोध किया तो उनकी गाड़ी पर पीछे से डंडा मारा. तब उन्होंने मीडिया कर्मियों को फोन पर इसकी जानकारी दी. मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों ने आरआई जयलाल रावत सहित उनके साथियों की करतूतों को कैमरे में कैद किया.