
Drug Case Latest Update: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का नीमच जिला मादक पदार्थ की तस्करी और अफीम उत्पादन के लिए देशभर में कुख्यात है. दरअसल, यहां बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है, जिसके चलते देशभर में यहां से अफीम और डोडा चूरा की तस्करी होती है. समय-समय पर कई पुलिसकर्मियों और तस्करों के बीच सांठगांठ सामने आती रही है. यहां तक कि कई पुलिसकर्मी भी तस्करी में संलिप्त पाए जाते रहे हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए नीमच पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल ने राजेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं. एसपी का कहना है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. एसडीओपी मल्हारगढ़ नरेंद्र सोलंकी ने भी मामले को गंभीर बताते हुए गहन जांच के आदेश दिए हैं.
30 किलो 'डोड़ाचूरा' के साथ गिरफ्तार
जिला पुलिस के कारिंदों ने एक बार फिर से खाकी को दागदार कर दिया है. दरअसल, नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ एक पुलिस आरक्षक को 30 किलो अवैध मादक पदार्थ 'डोड़ाचूरा' की तस्करी करते गिरफ्तार किया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर में बने पुलिस सहायता केंद्र पर पदस्थ पुलिस आरक्षक राजेंद्र सिंह सोंधिया को लाइन से ड्यूटी के लिए भेजा था. मगर वह ड्यूटी जाने की जगह बिना सूचना के कही और पहुंच गया. इसके बाद उसे मादक पदार्थ के साथ मंदसौर जिले की नारायाणगढ़ थाने की बूढ़ा चौकी पुलिस की टीम ने शुक्रवार-शनिवार की रात को 30 किलो डोडा चुरा के साथ गिरफ्तार किया है. यानी जिस पुलिसकर्मी के हवाले नशे के काले कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी थी, वहीं तस्करी के काम में संलिप्त हो गया. बताया जा रहा है कि आरोपी ड्यूटी के दौरान भी तस्करी में संलिप्त रहता था.
ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
बूढ़ा चौकी प्रभारी शुभम व्यास ने बताया कि पुलिस को लंबे समय से एक संदिग्ध कार की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. मुखबिर की पक्की जानकारी के आधार पर शनिवार रात करीब 2 बजे बूढ़ा और मुंजा खेड़ी मार्ग के बीच नाकाबंदी की गई. इस दौरान कार क्रमांक एमपी 44 सीसी 5597 को रोका गया, जिसमें दो व्यक्ति सवार थे. तलाशी लेने पर कट्टों में भरा 30 किलो डोडा चूरा बरामद हुआ. कार में बैठे व्यक्ति की पहचान राजेंद्र सिंह पिता बलवंत सिंह सोंधिया (35) निवासी भांगी पिपलिया के रूप में हुई, जो नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ था. उसके साथ उसका चचेरा भाई भगत सिंह पिता रण सिंह सोंधिया निवासी चौथ खेड़ी भी मौजूद था.
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पुलिस वाले का रिकॉर्ड है दागदार
जानकारी के अनुसार, राजेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से जिला अस्पताल नीमच में चौकी गार्ड की ड्यूटी पर तैनात था, लेकिन तीन दिन पहले से वह बिना सूचना के ड्यूटी से गैरहाजिर था. इसी दौरान वह तस्करी में लिप्त पाया गया. बताया जाता है कि राजेंद्र सिंह का विभागीय इतिहास भी दागदार रहा है. पहले वह मनासा थाने में पदस्थ था, जहां अनुशासनहीनता के आरोप में उसे लाइन अटैच किया गया था. उसके खिलाफ मारपीट का प्रकरण भी दर्ज है, जिसकी जांच अब भी जारी है. उसके रिश्तेदारों पर भी एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हो चुके हैं.
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