Ram Vilas Vedanti News: राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan) का प्रमुख चेहरा रहे और पूर्व भाजपा सांसद प्रख्यात संत डॉ. रामविलास दास वेदांती (67) का सोमवार को निधन हो गया, उनका रीवा के सुपर अस्पताल में इलाज चल रहा था. वह दो बार सांसद रहे थे. संत रामविलास की पिछले कुछ दिनों से तबीयत ज्यादा खराब थी. उनके निधन पर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है.
संत डॉ. रामविलास दास वेदांती श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से लंबे समय तक जुड़े रहे और अयोध्या में रहकर आंदोलन का नेतृत्व किया. रामविलास वेदांती ने जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. सांसद रहने के दौरान उन्होंने संसद में भी राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा उठाया. आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े रहने के कारण उन्हें “राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संत” कहा जाता था.
वेदांती जी ने राम जन्मभूमि न्यास के संस्थापक सदस्य के रूप में भी काम किया और कई बार अदालत में मंदिर‑आंदोलन से जुड़े मामलों में गवाही दी. उनका जीवन धर्म, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सेवा का उदाहरण माना जाता है.
दो बार बने सांसद
डॉक्टर रामविलास वेदांती राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चहरों में से एक थे. वह भाजपा की ओर से दो बार लोकसभा का चुनाव लड़े और जीते. वह उत्तर प्रदेश में 1996 में जौनपुर की मछलीशहर सीट और 1998 में प्रतापगढ़ से सांसद रहे.
अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार
राम विलास वेदांती का जन्म सात अक्टूबर 1958 को रीवा जिले के गुढ़वा (गुढ़) में हुआ था. उन्होंने 12 साल की उम्र में संन्यास ले लिया और घर छोड़ छोड़कर अयोध्या चले गए थे, जहां वह संत बन गए. वेदांती के शिष्य छोटे दास महाराज ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में किया जाएगा.
विवादित ढांचा विध्वंस मामले में रहे आरोपी
6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में जिन नेताओं पर मुकदमा चला, उनमें डॉ. वेदांती का नाम भी शामिल था. हालांकि, सीबीआई की विशेष अदालत ने अंत में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
डॉ. वेदांती सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाई. उनका जीवन राम मंदिर आंदोलन और समाज सेवा के लिए समर्पित रहाय उन्होंने न केवल संसद में, बल्कि समाज के हर वर्ग तक अपनी आवाज पहुंचाई. उनके नेतृत्व में कई लोग प्रेरित हुए और राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ.
कई दिनों से अपने गृह जिले में थे डॉ वेदांती
पिछले कई दिनों से वेदांती जी अपने गृह जिले में थे, जहां एक संत सभा के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें रीवा के सुपर अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह लंबे समय से पेट की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें बेहतर उपचार के लिए रविवार को एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) के लिए रेफर किया गया, लेकिन भोपाल में मौसम खराब होने की वजह से उनका हवाई जहाज भोपाल में नहीं उतर सका. इसके चलते वापस उनको रीवा लाकर भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने सोमवार सुबह अंतिम सांस ली.