
Dog Bite Case in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कुत्तों का आतंक तेजी के साथ बढ़ रहा है. हर दिन किसी न किसी जिले से कुत्तों के आतंक की खबरें आती रहती है. ताजा मामला टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले का है. यहां 40-50 कुत्तों का एक झुंड लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. इन कुत्तों का आतंक इतना है कि लोग घरों से बाहर निकलने से डरते हैं. खास तौर से बच्चों का घर के बाहर खेलना और स्कूल जाना तक दूभर हो चुका है.
टीकमगढ़ जिले के कपासी गांव में आवारा कुत्तों के आतंक ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. कुत्तों के शिकार लोगों के अनुसार तकरीबन एक सप्ताह से ग्रामीण परेशान है. उन्होंने बताया कि गांव में तकरीबन 40 से 50 कुत्ते एक झुंड में निकलते हैं और रास्ते में मिलने वाले लोगों और बच्चों सहित जानवरों पर हमला करते हैं. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं. अभी तक यहां तकरीबन 16 लोगों को आवारा कुत्तों ने घायल किया है, जिसमें बच्चे भी शामिल है.
पूरे गांव में है दहशत का माहौल
कुत्तों के हमले से घायल हुए लोगों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलेरा में भर्ती कराया गया है. यहां इलाज करा रहे ग्रामीणों ने बताया कि लगातार कुत्तों के आतंक से पूरा कपासी गांव परेशान है. हालत ये है कि बच्चे स्कूल जाने के लिए डर रहे हैं. कुत्तों के आतंक का आलम ये है कि लोगों ने खेतों पर जाना भी छोड़ दिया है. यानी पूरे कपासी गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है.
एसडीएम बोले, जस्द उठाएंगे ठोस कदम
वहीं, कुत्तो के बढ़ते आतंक पर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि इन पागल कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, ताकि कोई अप्रिय घटित न हो जाए. वहीं, इस सम्बंध में जतारा एसडीएम सजंय दुबे ने बताया कि मुझे पता नहीं आप से पता चला है कि कपासी गांव में पागल कुत्तों का इतना आतंक है .उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा है, तो कुत्तों को पकड़वाने की प्लानिंग की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वेटनरी विभाग से बात करके सभी कुत्तों को रेबीज के इंजेक्शन लगवाए जाएंगे, जिससे लोगों को जान का खतरा न हो. उन्होंने भरोसा दिलाया कि लोगों को कुत्तों की समस्या से जल्द छुटकारा दिलाया जाएगा.
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कपासी गांव के हालात बेहद खराब है . आवारा और पागल कुत्तों की वजह से छोटे-छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. दरअसल, लोग के घरों से बाहर निकलते ही यह कुत्ते झुंड में एक साथ लोगों पर अटैक कर देते हैं, जिससे लोग काफी परेशान है. अब देखना ये है कि प्रशासन की ओर से इससे निजात के लिए कब कदम उठाए जाते हैं.