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दिवाली का दर्दनाक खेल ! अब होगा बंद, जानें लोगों ने क्यों उठाई ये मांग ?

Diwali 2024 : शहर के लोग अब एकजुट होकर इस खतरनाक खेल पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. शहर के कई परिवारों ने इस घातक खेल के चलते अपने प्रियजनों को चोटिल होते देखा है और वे चाहते हैं कि इस बार पुलिस प्रशासन सख्त कदम उठाए.

दिवाली का दर्दनाक खेल ! अब होगा बंद, जानें लोगों ने क्यों उठाई ये मांग ?
दिवाली का दर्दनाक खेल ! अब होगा बंद, जानें यहां के लोगों ने क्यों उठाई ये मांग ?

Diwali 2024 : कई सालों से बड़वानी शहर में दीपावली के समय होने वाली हिंगोट युद्ध की परंपरा इस बार खत्म होने जा रही है. अब आप सोच रहे होंगे ये हिंगोट क्या है? तो आपको बता दें कि ये हिंगोट एक कच्चे फल से तैयार की जाने वाली खतरनाक वस्तु है जिसे दीपावली पर शहर के प्रमुख चौराहों पर आमने-सामने फेंककर खतरनाक युद्ध खेला जाता है. ऐसे में ये भी सवाल आ रहा होगा कि एक फल फेंक कर खेल करने पर पाबंदी कसी बात की? तो जान लीजिए कि ये कोई आम खेल नहीं होता. इस खतरनाक खेल में हर साल कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन फलों के अंदर पहले छेद किया जाता है और फिर इसे खोखला कर बारूद, कोयला और गंधक से भर दिया जाता है. इसके बाद कुछ लोग अपने कंधे पर एक थैली लटका कर उसके अंदर कई सारे हिंगोट को रख लेते हैं. बाद में दो आम खेल की जैसे दो टीमें बनाई जाती है. इसके बाद एक टीम हिंगोट को पटाखे की तरह जलाकर दूसरी टीम पर फेंकती है. ऐसे में सबसे पहले जिसके हिंगोट खत्म हो जाते हैं और जो सबसे ज़्यादा टिका रह जाता है वे ये खेल जाता है.

दिवाली पर ये खेल पड़ता था भारी

हालांकि मामले में गौर करने वाली बात है कि ये सिर्फ खेलने वाली दो टीमों तक ही सीमित नहीं है. कई बार कुछ मनचले हिंगोट को किसी राह चलते इंसान पर भी फेंक देते है. कई बारी सामने से आने वाले इंसान को नहीं मालूम होता कि अगले पल क्या होने वाला है... और जब हिंगोट किसी पर गिरता है तो वो बुरी तरह से घायल हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला पिछले साल सामने आया था जहां एक महिला के सिर पर अचानक से किसी ने हिंगोट फेंक दिया था जिससे उसके सिर पर बेहद ज़्यादा चोट लग गई थी.

Photo : एक-दूसरे पर हिंगोट फेंकते लोग

Photo : एक-दूसरे पर हिंगोट फेंकते लोग

लोगों ने कहा- "इसे बंद करो... "

इस घातक खेल को रोकने के लिए बड़वानी शहर के लोगों ने हाल ही में एक अहम बैठक बुलाई. बैठक में शहर के वरिष्ठ और युवा नागरिकों ने भाग लिया जहां सभी ने अपने-अपने सुझाव दिए. बैठक के बाद सभी की सहमति से यह फैसला लिया गया कि इस बार दीपावली के मौके पर बड़वानी शहर में हिंगोट चलने नहीं दी जाएगी. यह फैसला शहर में हर साल होने वाली घटनाओं और चोटों को देखते हुए लिया गया है.

पुलिस प्रशासन भी करेगा सख्ती

दरअसल, पिछले कई सालों से दीपावली के समय पुलिस प्रशासन भी हिंगोट के खिलाफ अभियान चलाता रहा है. हिंगोट बनाने और चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती रही है लेकिन इसके बावजूद कई लोग अंधाधुंध हिंगोट चलाते हैं. शहर के मुख्य चौराहों जैसे मोटी माता चौराहा, MG रोड, जैन मंदिर, और रानीपुर सहित अन्य स्थानों पर रात 12 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक हिंगोट युद्ध होता है. इस दौरान कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और कई बार विवाद की स्थिति भी देखने को मिल जाती है. हिंगोट की स्पीड इतनी तेज होती है कि जब इसे जलाकर छोड़ा जाता है... तो यह बंदूक की गोली जैसी रफ्तार से किसी को भी गंभीर चोट पहुंचा सकती है.

| Photo : क्या है हिंगोट और कैसे बनाई जाती है?

| Photo : क्या है हिंगोट और कैसे बनाई जाती है?

जानकारों के अनुसार, हिंगोट एक ख़ास का फल होता है जिसे पेड़ से कच्चा तोड़ा जाता है और फिर कुछ दिन तक सुखाया जाता है. इसके बाद उसकी ऊपरी छाल को निकालकर, ड्रिल मशीन की मदद से बारीक छेद किया जाता है. छेद के अंदर से गूदा निकालकर उसमें हाथ से बनाई गई बारूद, कोयला और गंधक  भरी जाती है. इसके बाद यह हिंगोट जलाने लायक बनती है. कुछ लोग इसे बनाकर महंगे दामों में बेचते हैं जिससे इसका व्यापार भी बढ़ रहा है.

घायल बच्चे की मां ने बताई आपबीती

शहर की शीतल गुप्ता ने खतरनाक हिंगोट के बारे में बताते हुए अपनी आपबीती साझा की. उन्होंने कहा, "जब हिंगोट चलाई जा रही थी, मेरा बच्चा वॉशरूम के लिए निकली था. अचानक एक हिंगोट पीछे से आकर उसके सिर में लगी. उसे गंभीर चोट आई और इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उसे 2 महीने तक इलाज करवाना पड़ा. उस समय मेरे बच्चे ने कितनी तकलीफ झेली... ये मैं अच्छी तरह जानती हूं. अब मैं चाहती हूं कि हिंगोट को पूरी तरह बंद किया जाए ताकि जो दर्द हमने झेला वो किसी और परिवार को न झेलना पड़े. "

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लोगों ने कहा- सुरक्षित दिवाली मनाएंगे

शहर के लोग अब एकजुट होकर हिंगोट के इस खतरनाक खेल पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. शहर के कई परिवारों ने इस घातक खेल के चलते अपने प्रियजनों को चोटिल होते देखा है और वे चाहते हैं कि इस बार पुलिस प्रशासन सख्त कदम उठाए. बैठक के दौरान कई लोगों ने अपील की है कि हिंगोट जैसे खतरनाक खेल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाकर इसे हमेशा के लिए बंद किया जाए ताकि दीपावली का त्यौहार सुरक्षित और खुशी से मनाया जा सके.

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