Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में सरकारी राशन की दुकानों से सैंकड़ों क्विंटल राशन गायब होने का मामला सामने आया है. जिले की 6 सरकारी राशन दुकानों में करीब 900 क्विंटल राशन हेराफेरी करने के आरोप विक्रेताओं पर लग रहे हैं. मामला सितंबर 2023 का है. खरगहना हर्रा लेम्पस की 6 दुकानों से करीब 900 क्विंटल राशन हेरा-फेरी की शिकायत मिली थी. लेकिन इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि अब अफसर FIR दर्ज करने की बात कह रहे हैं.
ये है मामला
डिंडौरी जिले के हर्रा खरगहना लेम्पस अंतर्गत छह सरकारी राशन दुकान गीधा,कारोपानी,बिझौरी,पिण्डरूखी खरगहना और कौड़िया में सार्वजानिक वितरण प्रणाली योजना के तहत गरीबों को दिए जाने वाले राशन में व्यापक स्तर पर धांधली उजागर हुई है. राशन दुकानों में फर्ज़ीवाड़े का खुलासा वर्ष 2023 में तब हुआ जब खाद्य विभाग के अधिकारी इन दुकानों में राशन के स्टाक का भौतिक सत्यापन करने के लिए पहुंचे थे.
लेकिन तात्कालीन एसडीएम एवं पुलिस अधिकारियों ने मामले में कोई कार्यवाही नहीं की. खाद्य विभाग के अधिकारीयों ने भी पत्राचार कर अपनी औपचारिकता निभा ली लेकिन दो साल गुजर जाने के बाद एकबार फिर मामले ने तूल पकड़ लिया है.
दिखी हकीकत
सरकारी राशन दुकानों से सैंकड़ों क्विंटल राशन गायब होने के मामले की हकीकत जानने के लिए NDTV की टीम ने उन सभी छह दुकानों तक पहुंची. जहां गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत वितरित किए जाने वाले राशन में धांधली की गई है. सबसे पहले हम कौंडिया गांव में संचालित राशन दुकान पहुंचे, जहां दूर-दराज से ग्रामीण राशन के इंतज़ार में दुकान के बाहर बैठे मिले, लेकिन 12 बजे तक सरकारी राशन दुकान में ताला लटक रहा था. राशन लेने पहुंचे ग्रामीणों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि विक्रेता उनसे थंब मशीन में फिंगर लगवा लेता हैं, लेकिन कभी भी समय पर राशन नहीं देता है.
एसपी वाहिनीं सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकारी राशन दुकान में पदस्थ विक्रेताओं के खिलाफ जल्द ही एफआईआर दर्ज़ करने का आश्वासन दिया है. जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ए.के. श्रीवास्तव ने NDTV को बताया कि सितंबर 2023 में विभाग के अधिकारियों के द्वारा खरगहना हर्रा लेम्पस अंतर्गत छह दुकानों में राशन का भौतिक सत्यापन किया गया था, जिसमें करीब 900 क्विंटल राशन स्टाक पर नहीं मिला. जिसकी रिपोर्ट तैयार कर जांच प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय एवं कोतवाली पुलिस को दी गई थी. लेकिन करीब दो साल गुजर जाने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई थी.
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क्या कह रहे विक्रेता
जिन विक्रेताओं पर राशन की हेराफेरी करने के आरोप लग रहे हैं उनमें से एक विक्रेता अलका मरावी ने NDTV को बताया कि राशन वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है, लेकिन उसमें वो शामिल नहीं हैं. अलका मरावी ने बताया कि उनसे पहले जो विक्रेता दुकान में पदस्थ रहे हैं उनकी गड़बड़ी को भी उनके सिर पर मढ़ा जा रहा है.खाद्य विभाग के अधिकारी एसडीएम एवं पुलिस को मामले की जानकारी दिए जाने की बात कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं एसपी वाहिनी सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द सरकारी राशन दुकान के विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कर वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिया है.
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