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धार हत्याकांड : कलयुगी बेटे और दोस्त को आजीवन कारावास की सजा, खौफनाक थी वारदात की कहानी 

Dhar murder case 2019 : साल 2019 में मां की दर्दनाक हत्या करने वाले बेटे और आरोपी दोस्त को कोर्ट ने सजा सुनाई है. धार जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 5000 -5000 का अर्थदंड लगाया है. ये हत्याकांड 24 अप्रैल 2019 को घटित हुआ था.

धार हत्याकांड : कलयुगी बेटे और दोस्त को आजीवन कारावास की सजा, खौफनाक थी वारदात की कहानी 

MP Crime News : मध्य प्रदेश के धार जिले में कुछ साल पहले एक कलयुगी बेटे ने अपनी मां की दोस्त के साथ मिलकर खौफनाक तरीके से हत्या कर दी थी. अब इस मामले पर धार जिला और सत्र न्यायालय द्वारा आरोपियों को सजा सुनाई है. कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 5000 -5000 के अर्थदंड से आरोपियों को दंडित किया. ये मामला 24 अप्रैल 2019 का था.  जिले के ग्राम खंडवा,  थाना सागौर क्षेत्र की ये घटना है. षड़यंत्र रचकर आरोपियों ने हत्याकांड को अंजाम दिया था. कौशल्या बाई की हत्या कर दी थी. 

पैरों को काटकर चांदी के दो कड़े चुरा लिए थे

आरोपी बेटे ने मां कौशल्या बाई को छत पर भेजा, और फिर उसने रस्सी से मां का गला दबाकर हत्या कर दी.फिर उसके सहयोगी जितेन्द्र ने घास काटने की ब्लेड, फरसा से कौशल्या बाई के पैरों को काटकर चांदी के दो कड़े व गले में से मंगलसूत्र व सोने की चैन, कान के टापस व उसकी पेटी में से 50000/- रुपये नगद निकाल कर चुरा लिए. 

बेटे ने पिता को दी थी वारदात की गलत जानकारी 

घटना के बाद आरोपी पुत्र रंजित ने गलत जानकारी अपने पिता को दी थी. आरोपी बेटे ने पिता से कहा कि कोई अज्ञात व्यक्ति ने मां के पैर काटा है. पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो रंजित और जितेन्द्र दिखे. इसके बाद भी शुरुआती दौर में आरोपी पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करते रहे.  थाना प्रभारी प्रतिक शर्मा ने साक्ष्य एकत्रित कर दिनांक 25.07.2019 को चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया.

ये थे हत्याकांड के अहम सबूत

जिला अभियोजन उप संचालक टीसी बिल्लोरे ने बताया की मामले को प्रमाणित करने के लिए न्यायालय में कुल 17 गवाहों को प्रस्तुत किया, जिसमें आरोपी के कपड़ों पर लगे खून का डीएनए करवाया गया था, जो पॉजीटिव पाया गया था. वीडियो फुटेज और अन्य भौतिक व मौखिक साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा अपराध को प्रमाणित मानकर घर में घुसकर हत्या कर लुट करना, साक्ष्य को छुपाने की धाराओं में क्रमशः आजीवन कारावास, 7-7 वर्ष, 4 वर्ष के कठोर कारावास से 5000-5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया.

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