
Dewas Municipal Corporation: देवास नगर निगम की महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल ने मेयर इन काउंसिल (MIC) में बड़ा बदलाव किया है. उन्होंने दो महिला पार्षदों को शामिल किया, जबकि दो मौजूदा पुरुष पार्षदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.उन्होंने मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 के अंतर्गत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए यह फैसला लिया है.
महापौर ने अपने ही पार्टी के दो एमआईसी सदस्यों को हटा दिया और उनकी जगह दो महिलाओं को सदस्य बनाया. इस बदलाव को लेकर महापौर पति का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सम्मान देने की बात की जा रही है. महापौर जब महिला है तो MIC में 50% महिलाओं को रहना चाहिए. वही दूसरी ओर इसके पीछे की वजह राजनीतिक विवाद बताया जा रहा है.
क्या हुआ था?
देवास नगर निगम में पिछले दिनों परिषद की बैठक में महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल से एमआईसी सदस्य रामदयाल यादव और अजय तोमर के बीच राजनीतिक विवाद हो गया था. इसके बाद देवास में यह राजनीतिक विवाद गरमा गया और अब महापौर पति ने दो एमआईसी सदस्यों को हटाने का फैसला लिया है.
क्यों हटाए गए एमआईसी सदस्य?
महापौर पति का कहना है कि पार्टी और सरकार महिलाओं को प्रमोट कर रही है और देवास में भी महिला महापौर है, इसलिए दो महिलाओं को एमआईसी सदस्य बनाया गया है, लेकिन भाजपा पार्षद और सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी का कहना है कि यह फैसला अचानक लिया गया और इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है.
भाजपा पार्षदों की प्रतिक्रिया
भाजपा पार्षदों ने इस फैसले के खिलाफ सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी को अवगत कराया. इसके बाद सांसद ने इस मामले की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को दी. भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी बताया कि उन्हें इस फैसले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है.
क्या है इसके मायने?
देवास नगर निगम में हुए इस राजनीतिक बदलाव के कई मायने हो सकते हैं. यह फैसला महापौर की नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है या फिर यह पार्टी के अंदरूनी विवाद का नतीजा हो सकता है.
अब क्या होगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है. क्या महापौर का यह फैसला सफल होगा या फिर पार्टी के अंदरूनी विवाद को बढ़ावा देगा? देवास नगर निगम के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना हो सकती है, जो भविष्य में इसके कामकाज को प्रभावित कर सकती है.
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