Damoh Latest News: दमोह के पास असलाना (Aslan) रेलवे ट्रैक पर एक लावारिस बच्चा घायल अवस्था में पुलिस (MP Police) को मिला था,जिसका पिछले एक हफ्ते से दमोह जिला अस्पताल (Damoh District Hospital) में इलाज किया जा रहा था.ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि चार-पांच साल के इस मासूम को या तो ट्रेन से फेंक दिया गया था, या बच्चा चलती हुई ट्रेन से गिर गया था. गंभीर घायल होने के बाद इसे कुछ कुत्तों ने भी अपना निशाना बनाया और कई जगह काट डाला.
बच्चे को लगभग बेहोशी की हालत में दमोह जिला अस्पताल ले जाया गया. जब इसे अस्पताल में लाया गया, तो इसके सिर पर बाइस टांके लगे और चाइल्ड वार्ड में इसका इलाज किया गया. हफ्ते भर में ये बच्चा जब कुछ बोलने की स्थिति में आया, तो पुलिस लगातार इस बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही थी, पर हफ्ता बीत जाने पर भी कोई खबर नहीं लगी. बच्चा केवल अपना नाम लकी बताता रहा था. इसके अलावा अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहा था.
एनडीटीवी ने ऐसे चलाई थी मुहिम
जब इसकी जानकारी एनडीटीवी को लगी, तो एनडीटीवी ने भी उसके परिजनों को ढूंढने के लिए अपने दर्शकों से मदद की अपील करते हुए एक मुहिम चलाई, जिसमें लोगों से अपील की गई थी कि किसी को इस लावारिस बच्चे के बारे में कुछ भी पता चले, तो दमोह पुलिस और NDTV के स्क्रीन पर डिस्प्ले नंबर पर संपर्क करें. इसे लेकर एनडीटीवी ने दमोह जिला अस्पताल से लगातार आधा घंटे का लाइव प्रोग्राम टेलीकास्ट किया. जिसमें पुलिस के आला अधिकारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता और जिला अस्पताल का स्टाफ मौजूद रहा.
वीडियो कॉलिंग से हुई परिवार और बच्चे की पहचान
एनडीटीवी के साथ ही सोशल मीडिया पर भी बच्चे के मां-बाप की खोजबीन शुरू की गई. इसके बाद मात्र चार घंटे के भीतर दमोह कोतवाली पुलिस के टीआई के पास जुन्नारदेव से फोन आया. उत्साहित टीआई आनंद सिंह ने जिला अस्पताल जाकर बच्चे लकी से उनके परिजन की वीडियो कॉल पर बात कराई. देखते ही देखते सब आपस में एक दूसरे को पहचान गए, जिससे पूरे परिवार में खुशी लहर छा गई.
पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने एनडीटीवी के प्रयास को सराहा
दमोह कोतवाली टीआई और सिविल सर्जन डॉक्टर राजेश राय ने एनडीटीवी की इस मुहिम को कारगर बताया और सभी ने धन्यवाद दिया. जुन्नारदेव में बच्चे लकी के परिजन उत्साहित होकर दमोह के लिए रवाना हो गए हैं. संभावना है इनके परिजन मंगलवार सुबह पुलिस के साथ दमोह आएंगे और औपचारिकता पूरी करने के बाद लकी को लेकर अपने साथ चले जाएंगे.
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लकी की देखरेख में जिला अस्पताल का PUIC वार्ड का स्टाफ हफ्ते भर से लगा था. वहीं, चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा में महिला स्टाफ चौकन्ना रही. लकी से हिलमिल चुके इन स्टाफ्स को बेहद खुशी है कि लकी अब अपने परिजन से मिल जाएगा. हालांकि, इन लोगों को लकी से बिछड़ने का कुछ अफसोस भी है.
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