MP Rewa Cyclothon Race : मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ी दौड़ आयोजित हुई. इस दौड़ का नाम है साइक्लोथॉन दौड़. रविवार को कई रिकॉर्ड धारियों ने दौड़ में हिस्सा लिया. क्लीन रीवा, ग्रीन रीवा के संदेश को बुलंद किया. गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी, इंडिया बुक रिकॉर्ड धारी जैसे रिकॉर्ड के पन्नों में दर्ज धावक अपनी साइकिल दौड़ाई है.दौड़ के तीन चरण थे. पहला चरण 5 किमी. दूसरा 15 किमी और तीसरा 30 किमी का चरण था. दौड़ का उद्देश्य था क्लीन रीवा ग्रीन रीवा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना.
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स लगा धावकों का जमावड़ा
रीवा के नवनिर्मित स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आज सुबह से ही चहल-पहल का माहौल रहा. यहां पर सैकड़ों की तादाद में वह लोग जुड़े, जिन्हें साइकिल चलाने का शौक है. जिसमें कुछ ऐसे भी साइकिल चालक थे. जिन्होंने देश का नाम विदेश में भी रोशन किया है. एनडीटीवी की टीम ने कुछ ऐसे ही साइकिल चालकों से बात की जिसमें शामिल रहे, दो बार के गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी उत्कर्ष वर्मा. एक बार के गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी शुभम गुप्ता और इस दौड़ के आयोजक अमन जिनके खाते में इंडिया बुक में नाम दर्ज है.
उत्कर्ष के नाम दो गिनीज बुक रिकॉर्ड दर्ज
क्या है गिनीज बुक में रिकॉर्ड बनारस के रहने वाले उत्कर्ष वर्मा जिनकी उम्र 30 साल है, अपने साथी शुभम गुप्ता के साथ बनारस से साइकिल चलाकर इस दौड़ में खास तौर से भाग लेने रीवा आए थे. उत्कर्ष के नाम दो गिनीज बुक रिकॉर्ड है, तो शुभम के नाम एक गिनीज बुक रिकॉर्ड है. पेशे से सिविल इंजीनियर उत्कर्ष और बिजनेसमैन 23 साल के शुभम बताते हैं, हमने रिकॉर्ड बनाया है, टेंडम साइकिल चलाकर जिसे दो लोग मिलकर चलते हैं.
31 दिन में तय थी इतनी दूरी
हमने 6000 किलोमीटर साइकिल चलाने का सफर 31 दिन में तय किया था. इस दौड़ का नाम था, स्वर्णिम चतुर्भुज उत्कर्ष और शुभम ने यह दौड़, बाबा विश्वनाथ की नगरी, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से प्रारंभ की थी. 3 दिसंबर 2023 को नॉरमल साइकिल से, उन्होंने यह यात्रा बनारस से होकर कोलकाता, कोलकाता के बाद चेन्नई, चेन्नई से मुंबई, मुंबई से दिल्ली, और दिल्ली से बनारस तक का सफर 6000 किलोमीटर का केवल 37 दिन में तय किया था,
समुद्र तल से 19024 फीट ऊंचाई की साइकलिंग
यह एक गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड है, उत्कर्ष वर्मा अपनी महिला साथी मीरा वालेकंर के साथ आगरा से उमलिंग - ला जो कि चीन बॉर्डर के पास है. 1824 किलोमीटर का यह सफर उन्होंने 18 दिन में तय किया था. इसके लिए उन्होंने समुद्र तल से 19024 फीट ऊंचाई तक की यात्रा की थी. उत्कर्ष और मीरा ने आगरा श्रीनगर होकर चीन बॉर्डर डिमचौक के पास उमलिंग-ला तक का सफर मैदानी और पार्वती दोनों इलाके में किया था.
'सांस लेने में भी दिक्कत होती है'
इस दौरान उन्होंने 600 किलोमीटर मैदानी और लगभग 1224 किलोमीटर का सफर पार्वती इलाके में साइकिल चलाकर किया था. जहां ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में भी दिक्कत होती है. वहीं आयोजक अमन का कहना है. उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने 711 किलोमीटर का सफर 32 घंटे में दिल्ली से अयोध्या तक साइकिल चलाकर किया था.
जानें क्या खास होता है इनकी साइकिल में
आमतौर पर यह साइकिल सामान्य सी साइकिल नजर आती है. लेकिन इस साइकिल में वजन न के बराबर होता है. जिसकी कीमत लाखों में होती है, इसमें जीपीएस सिस्टम होता है. इसमें लाइट लगी होती है. इसमें रेडियम होता है. इनके हेलमेट भी विशेष प्रकार के होते हैं. जो रात में भी सड़क पर दूर से ही वाहन चालकों को नजर आते हैं. जिसकी वजह से एक्सीडेंट न के बराबर होता है. साइकिल पंचर होने पर खुद बनाते हैं. साइकिल में और कोई नुकसान होने पर मिस्त्री से बनवाते हैं. और वापस उसी जगह से दोबारा रेस प्रारंभ करते हैं. जहां से उन्होंने साइकिल खराब होने की वजह से बंद की थी. तमाम तरीके की तकनीकी दिक्कतें भी आती हैं.
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