
Cyber Fraud Case: रीवा के घनी आबादी वाले इलाके के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग पुराने चांदी के सिक्कों के बदले एक करोड़ रुपए पाने के लालच में साइबर जालसाजों के शिकार हो गए. बुजुर्ग ने बिना सोचे समझे जालसाजों के खातों में 50 से 60 हजार रुपए कई बार में ट्रांसफर कर दिए और जब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर बुुजुर्ग ने अपनी जान दे दी.
एंटीक सिक्कों के बदले आत्महत्या का दूसरा केस
गौरतलब है रीवा में एंटीक सिक्कों के बदले आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. कुछ इसी तरीके से साइबर जालसाजों ने पिछले साल मऊगंज जिले में एक महिला को शिकार बनाया था. एंटीक सिक्कों को लेकर ही भारी-भरकम रकम पाने के लालच में एक महिला ने अपना सब कुछ लुटा दिया था, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली थी.
मृतक 65 वर्षीय बुजुर्ग के पिता रहे थे तहसीलदार
रीवा के घनी आबादी वाले मोहल्ले चोपड़ा स्कूल के पास रहने वाले 65 साल के एक बुजुर्ग के पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल दुबे किसी जमाने में तहसीलदार रहे थे. पिता की मौत के बाद उन्होंने उस बंदूक को अपने नाम ट्रांसफर करा लिया था. बुजुर्ग ने साइबर जालसाजों के हाथों अपना सब कुछ लुटाने के बाद इसी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की.
परेशान बुजुर्ग ने दामाद को बताई थी ठगी की बात
रिपोर्ट के मुताबिक जालसाजों द्वारा लगातार किए जा रहे पैसों के डिमांड से परेशान होकर बुजुर्ग सरोज दुबे ने इस बात की जानकारी अपने दामाद को दी थी. दामाद ने पैसा देने के बजाय पुलिस में शिकायत करना मुनासिब समझा. हालांकि जब तक परिवार पुलिस तक पहुंचता. बुजुर्ग ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मार कर आत्महत्या कर ली.
मऊगंज की एक महिला के साथ हुई थी ऐसे ठगी
रीवा के बुजुर्ग के साथ साइबर ठगी ठीक उसी तरीके की गई, जिस तरीके से पिछले साल मऊगंज में एक महिला के साथ हुई थी. जालसाजों ने महिला को एंटीक सिक्कों का लालच देकर ठगी की थी. जिसके बाद महिला को बाद में आत्महत्या करनी ली थी. साइबर ठगों द्वारा की गई यह खबर अखबारों से सुर्खियां भी बनी थीं.
जमा-पूंजी ही नहीं, उधार लेकर पैसे किए ट्रांसफर
सिक्योरिटी गार्ड का करने वाले मृतक सरोज दुबे एक करोड़ रुपए के लालच पहले अपनी जमा-पूंजी ठगों के खातों में ट्रांसफर किए, फिर अपने दोस्तों से पैसे से उधार लेकर पैसे ट्रांसफर किए. बड़ी बात यह कि अपने साथ हुई हजारों रुपए की ठगी की बात बुजुर्ग ने अंत में दामाद से तब बताई, जब ठगों की डिमांड खत्म नहीं हो रही थी.
यह भी पढ़ें : Cyber Fraud : फ्रॉडस्टर्स को पकड़वाना है ? इस नंबर पर फौरन करें कॉल
यह भी पढ़ें : Cyber Crime के खिलाफ MP पुलिस का खास अभियान! सेफ क्लिक के जरिए ऐसे किया जा रहा है जागरुक
यह भी पढ़ें : Road Safety: बिना BSI सर्टिफिकेट वाला हेलमेट बेचा तो होगा एक्शन; सरकार ने लोगों से की ये अपील
यह भी पढ़ें : Gwalior Roads: सिर दर्द बनीं सड़कें! CM के दौरे से पहले दो इंजीनियर सस्पेंड, मंत्री जी रोड़ पर उतरें