Cyber Fraud With Female Assistant Professor: देश में इस समय साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर क्राइम के मामलों में अब व्हाट्सएप भी सुरक्षित नहीं है. ताज़ा मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) से सामने आया है, जहां एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर से साइबर धोखाधड़ी की गई. चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि आरोपियों ने पीड़ित महिला को करीब 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इसके साथ ही महिला से एक लाख रुपये भी वसूल किए गए.
व्हाट्सएप पर इस तरह की ठगी का यह पहला मामला है. आरोपियों ने ठगी करने के लिए आरबीआई का फर्जी नोटिस भी जारी किया. फिलहाल, इंदौर क्राइम ब्रांच की साइबर सेल मामले की जांच में जुटी हुई है.
ऑटो रिकॉर्डेड कॉल के माध्यम से की धोखाधड़ी
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया का कहना है कि महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के पास फेडेक्स कोरियर (फर्जी) से ऑटो रिकॉर्डेड कॉल आया था. आरोपियों ने महिला से बात की और कहा उनके द्वारा ताइवान भेजा जा रहा पार्सल मुंबई एयरपोर्ट पर जब्त कर लिया गया है. पार्सल में मिथाइलीनडाईऑक्सी मेथाम्फेटामाइन (एमडीएमए) ड्रग, पांच फर्जी पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड निकले हैं. आरोपियों ने कहा यह गंभीर मामला है. इसमें गिरफ्तारी भी संभव है. महिला ने पार्सल भेजने से इनकार किया तो आरोपियों ने फायनेंस डिपार्टमेंट से सत्यापन करवाने का झांसा देकर आधार कार्ड और अन्य प्रकार की निजी जानकारी मांगी.
ठगों ने फर्जी आरबीआई अफसर से बात करवाई
ठगों ने पीड़ित महिला की बात फर्जी आरबीआई अफसर से करवाई और कहा कि इस आधार कार्ड से कई संदिग्ध बैंक खाते लिंक हैं. उनमें करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. खातों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है. इसके थोड़ी देर बाद आरोपियों ने महिला को आरबीआई का जाली नोटिस भेजा, जिसमें डीसीपी (साइबर) मिलिंद भारंबे, क्राइम ब्रांच कमिश्नर नितिन पाटिल, जॉर्ज मैथ्यू और पूर्व आईएएस शक्तिकांत दास का नाम लिखा था.
मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त होने की दी धमकी
फर्जी नोटिस में आरोपियों ने पीड़ित महिला को मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त होने की धमकी दी. आरोपियों ने जांच और पूछताछ के लिए वीडियो कॉल किया. जिसमें उन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और करीब सात घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर निगरानी में रखा. वहीं बैंक खाते का सत्यापन करने के लिए ठगों ने फर्जी खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए. इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का यह सातवां मामला है.
इतने रुपये वापस दिला चुकी है साइबर पुलिस
इंदौर की साइबर पुलिस अब तक साइबर फ्रॉड के मामलों में कई लोगों के रुपये वापस दिला चुकी है. साइबर पुलिस के द्वारा अब तक कई पीड़ितों के 8 करोड़ से ज्यादा रुपये वापस कराए जा चुके हैं. इंदौर पुलिस ने धोखाधड़ी के मामलों की के लिए एनसीआरपी पोर्टल या इंदौर पुलिस द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन नंबर 7049124445 भी जारी किया है.
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