
Umaria Bandh Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया जिले में किसानों की उपजाऊ खेत की जमीन ले ली गई है. इसपर बांध परियोजना (Dam Project) के तहत काम हो रहा है. लेकिन, दो साल बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. अन्नदाता की रोजी भी छीन ली गई और उनका हक आज तक नहीं दिया गया है. दो साल से करुआ गांव में बन रहे बांध का अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. इसको लेकर किसान बहुत परेशान है.

किसानों को नहीं मिला उनके खेत के बदले मुआवजा
सिंचाई विभाग द्वारा बनाया जा रहा बांध
उमरिया जिले के करकेली ब्लॉक अंतर्गत करुआ गांव में सिंचाई विभाग करुआ जलाशय का निर्माण करा रहा है. सिंचाई परियोजना के अंतर्गत, ग्रामीणों की जमीन तकरीबन दो साल पहले अधिग्रहण कर ली गई थी. लेकिन, मुआवजा बांटने में सरकारी अड़ंगा आड़े आ गया है. किसानों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा, 'हम दो वर्षों से अपने खेतों में खेती नहीं कर पा रहे हैं और न ही हमको मुआवजा की राशि मिल पा रही है.'
किसानों का कहना है, 'हमारे जीवन यापन का मुख्य स्रोत खेती-किसानी ही है. उसी से हम अपने परिवार का भरण-पोषण करते चले आ रहे हैं. अगर भूमि अधिग्रहण की राशि मिल जाए, तो हम दूसरी जगह खेत खरीदकर फिर से अपने परिवार के लिए कुछ कर पाते...'
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क्या है करुआ जलाशय का पूरा मामला?
बता दें कि करुआ जलाशय 16-17 करोड़ रुपये से तैयार होने वाली परियोजना है. इसमें 6 गांव के लोगों को खेती के लिए लाभ मिलेगा. परियोजना में तकरीबन 100 किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है. जिसमें 1 करोड़ 84 लाख रुपये का मुआवजा राशि देना है. लेकिन, ये पिछले दो साल से निलंबित है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने कही ये बात
करुआ जलाशय के मामले में जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सरोज सिंह ने कहा कि जलाशय का काम दिसंबर 2024 से शुरू हुआ है. एग्रीमेंट के अनुसार, काम 2026 में खत्म करना है. अभी तक डैम का हुआ है और नहर का काम होना बाकी है. मुआवजे का काम प्रक्रिया में है. कोशिश है कि जल्द से जल्द किसानों को उनके हक का मुआवजा मिल सके.
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