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भ्रष्टाचार की इंतेहा: जिस चावल को जानवर भी न खाए, उसे PDS में बांटने के लिए भेजा गया शिवपुरी, अब नपेंगे ये अफसर

Corruption In PDS: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले का चावल जब शिवपुरी पहुंचा तो नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी हैरान रह गए. जांच में सामने आया कि रैक में लोड 52 हजार बोरियों में सिर्फ 27 हजार 500 बोरी चावल ही मानक स्तर का है. शेष बोरियों में बंद चावल इतना खराब है कि जानवर भी इसे नहीं खा सकते.

भ्रष्टाचार की इंतेहा: जिस चावल को जानवर भी न खाए, उसे PDS में बांटने के लिए भेजा गया शिवपुरी, अब नपेंगे ये अफसर
शिवपुरी से सतना क्यों वापस आ गया करोड़ों रुपये का चावल, सवालों के घेरे में पीडीएस विभाग.

MP Civil Supplies Corporation: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना नागरिक आपूर्ति निगम (Civil Supplies Corporation Satna) के अधिकारियों के चलते प्रदेश स्तर पर सतना की नाक कट गई. जिस चावल को जानवर भी न खाएं उसे पीडीएस (PDS) के लिए शिवपुरी (Shivpuri) भेज दिया. यह चावल दो-चार क्विंटल नहीं बल्कि 24 हजार बोरियों से ज्यादा था. जिसकी सरकारी कीमत 3.68 करोड़ रुपए आंकी गई है. सतना का घटिया चावल जब शिवपुरी रैक प्वाइंट पर पहुंचा तो अधिकारियों के पैरो तले जमीन खिसक गई. क्योंकि सतना से भेजी गई खेप में पशुओं के खाने योग्य चावल भी नहीं था.

जांच के बाद सामने आया कि रैक में लोड 52 हजार बोरियों में सिर्फ 27 हजार 500 बोरी चावल की मानक स्तर का है. अब इस मामले में भ्रष्टाचार का अंदेशा है.

शिवपुरी में लिखा गया पंचनामा

सतना से रैक आरआर नबंर - 281000052 में 28 जून को 52 हजार बोरी यानी 26 हजार क्विंटल चावल की खेप शिवपुरी रैक प्वाइंट के लिए भेजी गई. जिसमें श्योपुर और शिवपुरी दोनों जिलों में पीडीएस वितरण के लिए चावल लोड था. 1 जुलाई को जब रैक शिवपुरी रैक प्वाइंट पर लगी तो नान के कर्मचारियों की आंखे फटी की फटी रह गईं. क्योंकि पूरी रैक से सड़े हुए चावल की दुर्गंध आ रही थी.

पानी से खराब था चावल

नान के रेल रैक प्रभारी व अन्य कर्मचारियों ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देकर पंचनामा बनाया. जिसमें लिखा गया कि प्रत्येक वैगन में 15-20 बैग,कुछ वैगन में अधिक चावल पानी से खराब था. जिसे स्थानीय रामजी वेयरहाउस में अलग से रखवाया गया है. पानी से सड़ा हुआ चावल मिला है. लेकिन इसकी जिम्मेंदारी शिवपुरी परिवहनकर्ता की नहीं होगी.

सतना डीएम सच से भाग रहे

जब इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम सतना के जिला प्रबंधक पंकज बोरसे से बात की तो उन्होने गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए यह कह दिया कि कहीं कोई चावल अमानक नहीं निकलता.

निलंबन से बहाल होकर सतना आने वाले डीएम नान अपनी गड़बड़ी मानने को तैयार नहीं. शायद यही कारण है कि वे अनजान बन रहे हैं. नागरिक आपूर्ति निगम सतना के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते इतनी मात्रा में अमानक चावल शिवपुरी पहुंच गया. जबकि 1 जुलाई 2024 को ही शिवपुरी रैक प्वाइंट में सतना का सड़ा हुआ अमानक चावल प्राप्त होने का पंचनामा बन गया था. इसका मतलब साफ है कि अधिकारी ही इस तरह की गड़बड़ी पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं.

जानें कितनी है चावल की कीमत

सतना से रैक के माध्यम से शिवपुरी भेजे गए अमानक चावल की कीमत लाखों रुपये में नहीं बल्कि करोड़ों में है. चावल की कुल अमानक मात्र 24500 बोरी (12250 क्विंटल) है. जिसकी कीमत लगभग 3.68 करोड़ रुपए है. इसमें से 3 हजार बोरी ( 1500 क्विंटल) चावल तो मानव उपयोग के लायक भी नहीं है, जिसकी कीमत 45 लाख रुपए है.

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'सतना से अमानक स्तर का चावल आया है'

श्योपुर-शिवपुरी के नान प्रबंधक संजय सिंह ने कहा कि सतना से चावल की रैक लगी है, जिसमें शिवपुरी और श्योपुर के लिए 2600 टन चावल आया है. लेकिन इसमें 40 फीसदी चावल खराब है, जिसका आंकलन कराया जा रहा है. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं, यहां के डीएसओ सुनील दत्त शर्मा ने कहा कि सतना से शिवपुरी आई रैक में श्योपुर के हिस्से का चावल भी था. डीएम नान के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि सतना से अमानक स्तर का चावल आया है.इसमें जरूर बड़ी कार्रवाई होगी.

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