Water Shortage in MP : एक तरफ केंद्र सरकार जहां हर घर तक नल का कनेक्शन पहुंचाने की बात करती है तो वहीं, जमीनी हकीकत पर ये योजनाएं दम तोड़ती नज़र आती है. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में भी कुछ ऐसा ही हाल है. जहां पानी की समस्या इस कदर हावी है कि यहां के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. टीकमगढ जिले के नगारा गांव की हरिजन बस्ती में गंदा पानी पीकर करीब तीन दर्जन लोग लोग बीमार पड़ गए. इतनी बड़ी तादाद में लोगों तबीयत बिगड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा और मरीजों की जांच के लिए कैंप लगाया. लेकिन इससे भी हालात में सुधार नहीं हुआ तो सभी को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. आइए आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं:
दूषित पानी पीकर 35 लोग हुए बीमार
मिली जानकारी के मुताबिक, टीकमगढ जिले के नगारा गांव में काफी समय से पानी की समस्या है. इसी कड़ी में बस्ती के लोगों ने कुएं का दूषित पानी पी लिया. गंदा पानी पीने के चलते लोगों को पेट दर्द और उल्टी-दस्त की समस्या होने लगी. यहीं नहीं, दूषित पानी के चलते एक लड़के की मौत भी हो गई. बताया जा रहा है कि ये लोग काफी दिनों से इस कुएं का पानी पी रहे थे जिसका पानी गंदा था जिस कारण लोगों में डायरिया फ़ैल गया और सभी लोग बीमार हो गए. जब इसकी खबर जिला स्वास्थ्य विभाग को हुई तो पहले उन्होंने गांव में ही स्वास्थ्य कैंप लगा कर लोगों की जांच की. लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो सभी को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
गांव के लोगों को साफ़ पानी की दरकार
ग्रामीणों का कहना है कि ये सभी लोग इस कुएं का पानी पीने से बीमार हुए हैं जिसमें 20 बच्चे 15 महिलाएं और 10 पुरुष बीमार बताए जा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि हमें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मोहल्ले वाले परेशान है. कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. शासन-प्रशासन ने वादा किया था कि हैंडपंप लग जाएगा लेकिन हालात अब तक जस के तस है. ऐसे में यहां पर केंद्र सरकार की नल जल योजना दम तोड़ती नज़र आ रही है. जिस योजना के आधार पर केंद्र सरकार हर घर नल कनेक्शन और साफ़ पानी पहुंचाने की बात करती हैं तो वहीं, दूसरी तरफ आज भी कई ग्रामीण इलाकों में लोग साफ पानी के लिए तरसते नज़र आते हैं.
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