Congress Mhow Rally: कांग्रेस सोमवार को मध्य प्रदेश के महू शहर में एक रैली करेगी, जो बीआर अंबेडकर की जन्मस्थली है. इसका उद्देश्य सामाजिक न्याय की कहानी को बढ़ावा देना और संविधान के मुख्य निर्माता के कथित अपमान को लेकर भाजपा को घेरना है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली में भाग लेने वाले हैं. पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे राहुल गांधी पिछले सप्ताह कर्नाटक के बेलगावी में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली में भाग नहीं ले पाए थे और साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार भी नहीं कर पाए थे. इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में अपने संबोधन के बाद वह अपनी दूसरी ऐसी रैली को संबोधित करेंगे.
जयराम रमेश ने की ये मांग
कांग्रेस अपने सामाजिक न्याय के मुद्दे को मजबूत करने का प्रयास कर रही है और आरोप लगा रही है कि संविधान पर हमला हो रहा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश मांग कर रहे हैं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को "स्वतंत्रता आंदोलन पर दिए गए राष्ट्र-विरोधी बयान" के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने दावा किया है कि महात्मा गांधी का "अपमान" किया जा रहा है और अंबेडकर पर "हमला" किया जा रहा है. रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है और संसद में विपक्ष द्वारा अंबेडकर का नाम लेने पर की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगने को कहा है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भागवत की इस टिप्पणी को "राष्ट्र-विरोधी" बताया है कि भारत की "सच्ची स्वतंत्रता" राम मंदिर के अभिषेक के दिन स्थापित हुई थी और उन्होंने इस बयान पर माफ़ी की मांग की है. कांग्रेस ने बार-बार आरोप लगाया है कि दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में शाह की टिप्पणी से पता चलता है कि भाजपा और आरएसएस नेताओं में अंबेडकर के लिए "बहुत नफरत" है और उन्होंने उनसे माफ़ी की मांग की.
कांग्रेस का सामाजिक न्याय पर फोकस
पार्टी के एक परिपत्र में कहा गया था कि महू रैली संविधान को अपनाने और भारत के गणतंत्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के साथ-साथ सत्तारूढ़ शासन द्वारा अंबेडकर की विरासत पर कथित हमले की याद में आयोजित की जाएगी. कांग्रेस सामाजिक न्याय को अपना केंद्रीय मुद्दा बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है, जिसमें राहुल गांधी बार-बार कांग्रेस की देशव्यापी जाति जनगणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग के बारे में बात करते हैं. इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली में राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आती है तो वह जाति सर्वेक्षण कराएगी.
कांग्रेस अपनी राजनीति में स्पष्ट है कि देश में हर कोई समान है, उन्होंने कहा था और विश्वास जताया था कि "घृणा पर प्रेम की जीत होगी". उन्होंने कहा था कि कांग्रेस "अडानी और अंबानी जैसे अरबपतियों को सब कुछ नियंत्रित नहीं करने देगी".
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