MP BJP News: कांग्रेस की हालत वर्तमान में दिनों दिन पतली होती जा रही है. खासतौर पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बात की जाए तो विधानसभा चुनाव (Assembly Election) हारने के बाद से जहां पार्टी के कद्दावर नेता कोप भवन से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, वहीं जबलपुर (Jabalpur) में स्थानीय स्तर पर कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. सिहोरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं एकता ठाकुर अब कांग्रेस (Congress) को अलविदा कहते हुए बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले चुकी हैं. जबलपुर में उनके समर्थक यह कहते नजर आ रहे हैं कि 'एक था ठाकुर'.
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आना तय
बता दें कि कांग्रेस नेत्री एकता ठाकुर ने बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. उनके इस पालाबदल के बाद जबलपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद बीजेपी के खाते में आना तय हो गया है. कहा यह भी जा रहा है कि एकता ठाकुर ने जिला पंचायत अध्यक्ष बनाए जाने की शर्त पर ही बीजेपी का दामन थामा है.
यह भी पढ़ें : 'आडवाणी के मार्गदर्शन से हुआ राम मंदिर मुद्दे का समाधान', CM मोहन यादव ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
बीते साल आखिरी वक्त पर वापस खींच लिए थे कदम
बीजेपी की अंदरखाने की मानें तो एकता ठाकुर डेढ़ साल पहले हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समय ही बीजेपी ज्वाइन करने वाली थीं. हालांकि उस वक्त पार्टी की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष का पद देने का ठोस आश्वासन न मिलने के बाद उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए थे. कांग्रेस की ओर से जिपं अध्यक्ष का चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस समर्थित ज्यादा सदस्य होने के बावजूद क्रॉस वोटिंग के कारण वह चुनाव हार गई थीं.
यह भी पढ़ें : 'महाराज जी' चुनाव लड़ेंगे तो टिकट वापस करके प्रचार करूंगी... ग्वालियर में बोलीं सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी
पहले ही दो सदस्य बदल चुके हैं पाला
जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव से पूर्व ही कांग्रेस समर्थित पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इस सेंधमारी के पीछे पूरी तरह से कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह के प्रयासों का हाथ होने की बात सामने आई थी. हालांकि उच्च न्यायालय ने सदस्यों के चुनाव से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराने पर रोक लगा दी थी. अब एकता ठाकुर के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद यह चुनाव महज रस्म अदायगी रह गया है.