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This Article is From Oct 15, 2023

टिकट बंटते ही कांग्रेस-BJP में उठने लगे विरोधी सुर, दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने दिया इस्तीफा

भिंड जिले की रौंन सीट से विधायक रह चुके रसाल सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार लहार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ मैदान में उतरा था. उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी, हालांकि वह चुनाव हार गए थे.

टिकट बंटते ही कांग्रेस-BJP में उठने लगे विरोधी सुर, दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने दिया इस्तीफा
टिकट बंटते ही बीजेपी-कांग्रेस में शुरू हुआ इस्तीफों का दौर

MP Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की ओर से अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही विरोध के सुर भी उठने शुरू हो गए हैं. भिंड जिले में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से भिंड जिले की लहर सीट से अंबरीश शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक रसाल सिंह ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया. वहीं ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस टिकट के दावेदार केदार सिंह कंसाना ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. 

रसाल सिंह थे बड़े दावेदार

भिंड जिले की रौंन सीट से विधायक रह चुके रसाल सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार लहार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ मैदान में उतरा था. उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी, हालांकि वह चुनाव हार गए थे. रसाल सिंह इस बार फिर लहार क्षेत्र से ही भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन पार्टी ने इस बार उनकी जगह अंबरीश शर्मा 'गुड्डू' को टिकट देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से ही रसाल सिंह और उनके समर्थकों ने विरोधी तेवर अपना रखे थे.

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'गद्दारी करने वाले नेता को दिया बढ़ावा'

रसाल सिंह ने लहर में अपने समर्थकों का एक बृहद सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें उन्होंने पार्टी हाई कमान से आग्रह किया था कि यहां अमरीश शर्मा की जगह किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर टिकट नहीं बदला गया तो वे अपना निर्णय अलग से लेंगे. रविवार को रसाल सिंह ने पार्टी को अपना इस्तीफा भेज दिया. रसाल सिंह ने पार्टी के जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया को लिखे गए पत्र में कहा,

'मैंने भाजपा संगठन के लिए कर्मठता से काम करते हुए अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया. सदैव संगठन के हित में काम किया लेकिन संगठन ने गद्दारी करने वाले नेता को बढ़ावा देकर बगैर किसी की सुने चुनावी मैदान में उतारकर लोकतंत्र की हत्या कर दी है. ऐसे में उनका प्रचार करना स्वाभिमान के साथ न्याय नहीं होगा. अतः मैं तत्काल प्रभाव से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. आपसे विनम्र आग्रह है कि इसे स्वीकार करें.' 

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केदार कंसाना ने कांग्रेस छोड़ी 

दूसरी तरफ कांग्रेस में अनेक पदों पर रहे केदार कंसाना ने प्रत्याशियों की सूची आते ही पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. केदार ग्वालियर ग्रामीण से दावेदार थे. उन्होंने पहले सोशल मीडिया पर इस्तीफे का ऐलान किया. ग्रामीण से कांग्रेस ने साहब सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है. केदार ने बाद में कहा कि उन्होंने क्षेत्र में बड़ी तैयारी की थी. 'सर्वे में भी मैं आगे था लेकिन पार्टी ने पिछले चुनाव में पार्टी को हराने वाले को ही टिकट दे दिया.' उन्होंने कहा कि वह चुनाव तो लड़ेंगे लेकिन किस पार्टी से लड़ेंगे, इस पर अपने पत्ते नहीं खोले.

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