विज्ञापन

राजधानी भोपाल के दोनों प्रमुख स्टेशन बदइंतजामी के शिकार...वर्ल्ड क्लास स्टेशन हुआ साधारण

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो मुख्य रेलवे स्टेशन हैं. जहाँ पर रोज़ाना हज़ारों यात्रियों का आवागमन होता है.भोपाल जंक्शन और रानी कमला पति स्टेशन दोनों ही ऐसे स्टेशन हैं ,जहां से लगभग सभी मुख्य रूट की ट्रेनें गुज़रती है ,जब रानी कमलापति स्टेशन का उद्घाटन हुआ था तब काफ़ी दावे किए गए थे कि ये स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज़ पर होगा. लेकिन फ़िलहाल स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं भी दम तोड़ती हुई नज़र आ रही हैं

राजधानी भोपाल के दोनों प्रमुख स्टेशन बदइंतजामी के शिकार...वर्ल्ड क्लास स्टेशन हुआ साधारण

Bhopal News: देश का पहला निजी रेलवे स्टेशन मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल में है..नाम है- रानी कमलापति स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station). 15 नवंबर 2021 को इस स्टेशन जब उद्घाटन हुआ था तो दावा किया गया था ये वर्ल्ड क्लास (World Class) होगा और यहां यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी. लेकिन तीन साल बीतने के बाद हालात ऐसे बन गए हैं कि वर्ल्ड क्लास स्टेशन तो छोड़िए आप इसे साधारण स्टेशन कहने को मजबूर हो जाएंगे. न तो यहां एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा है, न ही साफ-सफाई है और न ही पर्याप्त तौर पर लोगों के बैठने के इंतजाम हैं. हालांकि अभी भी इसका इसका इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तरीय जरूर है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही ने यहां मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की हालत भी बिगाड़ दी है. यही नहीं रानी कमलापति स्टेशन के अलावा भोपाल स्टेशन (Bhopal Railway Station) में भी स्वच्छता के सारे दावे फेल नजर आते हैं. रेलवे प्रशासन के दावों का जब NDTV MPCG की टीम ने मौके पर जाकर रियलिटी चेक किया तो बदइंतजामी सामने आ गई. 

Latest and Breaking News on NDTV

सबसे पहले बात वर्ल्ड क्लास रानी कमलापति स्टेशन की. बाहर से इस स्टेशन की भव्यता आपको आकर्षित करती है लेकिन जब आप अंदर जाते हैं तो बदइंतजामी साफ नजर आता है. यहां लिफ्ट से लेकर एस्कलेटर तक सब खराब हैं. इसके अलावा जगह-जगह पसरी गंदगी भी सफाई इंतजामों की पोल खोल देती है. एयरपोर्ट के तर्ज़ पर तैयार हुए इस स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था एयरपोर्ट जैसी तो बिलकुल नहीं है. हज़ारों यात्रियों का यहां रोज़ आना जाना होता है लेकिन एंट्रेंस से लेकर प्लेटफार्म तक हमें एक गार्ड नज़र नहीं आया. यही नहीं सिक्योरिटी चेक इन की मशीनें भी धूल खाती नजर आ रही हैं. 

स्टेशन पर वेटिंग रुम न होने की वजह से मरीज भी परेशान नजर आते हैं.

स्टेशन पर वेटिंग रुम न होने की वजह से मरीज भी परेशान नजर आते हैं.

भोपाल रेलवे स्टेशन पर तो हालात और भी बुरे दिखाई देते हैं.  जब आप स्टेशन पहुंचेंगे तो लाउडस्पीकर पर स्वागत करने वाली आवाज तो आपको सुनाई देगी लेकिन जब आप अंदर घुसेंगे तो गाय और डॉग्स आपको दिखाई दे जाएंगे. यहां यात्रियों के लिए कोई वेटिंग हॉल नहीं है. एक हॉल जरूर है लेकिन वहां पंखे तक नहीं है. यात्री रामकुमार ठाकुर बताते हैं कि वे सागर के रहने वाले और महीने में दो बार भोपाल आते हैं क्योंकि उनकी पत्नी का पैर कट गया है और उनका इलाज यहां के हमीदिया अस्पताल में चल रही है. रामकुमार बताते हैं कि वे अक्सर स्टेशन पर ही रात गुजारते हैं. वे बताते हैं कि यहां हॉल में न तो लाइट है और न ही पंखा. सफाई का भी बुरा हाल है. यहां भी लिफ्ट से लेकर एस्कलेटर तक सब खराब हैं. 
हालांकि भोपाल रेल मंडल के DCM सौरभ कटारिया इन सब असुविधाओं पर अपनी दलील देते हैं. वे कहते हैं कि हम इंतजामों को दुरुस्त करने पर काम कर रहे हैं. लिफ्ट और एस्केलेटर को जल्द ही सुधार दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगले एक महीने में सभी जगहों पर जवान पूरी तरह से तैनात कर दिए जाएंगे. सुरक्षा के लिए रखी गई मशीनों को लेकर जल्द काम शुरू हो जाएगा. 
ये भी पढ़ें: वाह रे सिस्टम ! नहीं सुनी फरियाद तो खुद का सहारा बने लोग, ऐसे पेश की मिसाल

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
शिवराज मामा के बड़े बेटे की इस दिन होगी सगाई, कार्तिकेय-अमानत की जोड़ी के लिए केंद्रीय मंत्री ने मांगा आशीर्वाद
राजधानी भोपाल के दोनों प्रमुख स्टेशन बदइंतजामी के शिकार...वर्ल्ड क्लास स्टेशन हुआ साधारण
public representatives who saved the lives of 42 children were honored on the initiative of the CM, but no action has been taken against the responsible officers
Next Article
Dhar News: 42 बच्चों की जान बचाने वालों का हुआ सम्मान, पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कौन मेहरबान!
Close