
Madhya Pradesh CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के आकर्षक पर्यटन स्थल, सुरम्य संस्कृति, अद्भुत परिदृश्यों और समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते मंत्रमुग्ध कर देने वाले नवीन टीवीसी ‘स्वागतम बड़ा' को लॉन्च किया. एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा 'लार्जर देन लाइफ' थीम पर बनाए गए ‘स्वागतम बड़ा' टीवीसी की खासियत इसका दमदार संगीत और बैकग्राउंड स्कोर है. गीतकार इरशाद कामिल के बोल, विशाल भारद्वाज द्वारा क्रिएटिव डायरेक्शन ने इसे और भी खास बना दिया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हेरिटेज होटल सदर मंज़िल के शुभारंभ कार्यक्रम में इसे लॉन्च किया.
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि टीवीसी में प्रदेश के विविध पर्यटन स्थलों को भव्यता से प्रस्तुत किया गया है. इस मनमोहक टीवीसी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांची, महाकालेश्वर उज्जैन, कूनो में चीता, मोगलीलैंड कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, इंदौर का गैर और जनजातीय चित्रकला आदि को दर्शित किया गया है. टीवीसी में की समृद्ध विरासत, संस्कृति, संपन्न वन्य जीवन, आध्यात्मिकता और आदिवासी कला की अनूठी झलक मिलती है. इसे देखकर निश्चित ही पर्यटक मध्यप्रदेश की ओर आकर्षित होंगे.
'स्वागतम बड़ा' कैम्पेन को टीवी, ओटीटी, डिजिटल और आउटडोर सहित विभिन्न माध्यमों पर व्यापक स्तर पर प्रसारित कर प्रदेश के पर्यटन गंतव्यो का प्रचार किया जाएगा.
'स्वागतम बड़ा' टीवीसी अद्भुत अनुभवों और बचपन की यादों को जीवंत करते हुए, मध्य प्रदेश टूरिज्म को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करके, प्रतिस्पर्धियों से अलग और अद्वितीय बनाने का प्रयास है.
- 2006 में 'हिंदुस्तान का दिल देखो'
- 2008 में 'हिंदुस्तान का दिल देखा'
- 2010 में 'एमपी अजब है, सबसे गजब है'
- 2013 में 'रंग है मलंग है'
- 2016 में 'एमपी में दिल हुआ बच्चे सा'
- 2018 में 'मेमोरीज़ ऑफ़ डेस्टिनेशन'
- 2023 में 'जो आया सो वापस आया, ये है एमपी की माया'
- 2024 में 'मोह लिया रे'
फिल्म मध्य प्रदेश के उस "लार्जर दैन लाइफ" अनुभव को दर्शाती है, जहां एक पर्यटक की यात्रा और उसकी भावनाएं कभी नहीं रुकती. जैसे सैंडग्लास में रेत बहती है, उसी तरह पर्यटकों के मन की भावनाएं निरंतर बहती रहती हैं और हर पल एक नया एहसास कराती हैं.
विभिन्न मनोरम दृश्यों के माध्यम से, फिल्म मध्य प्रदेश की संस्कृति, संगीत, वन्य जीवन और ऐतिहासिक गाथाओं को अनूठे ढंग से प्रस्तुत करती है. चित्रकूट से लेकर भीमबेटका और सांची तक, राज्य का हर कोना अपनी अलग पहचान और विरासत को प्रस्तुत करता है.