Dog Bite Case Gwalior : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बदमाशों के आतंक के बाद अब कुत्तों ने भी आतंक मचा रखा है. इनके आतंक से हर कोई परेशान हैं. शहर वासी इन खूंखार कुत्तों की आतंक से बड़ी दहशत में हैं. दिन हो या रात कुत्तों की झुंड शहर की हर सड़क गलियों में स्वच्छंद विचरण करते दिखाई दे रहे हैं, और मौका मिलते ही यह लोगों पर अटैक कर घायल कर रहे हैं. यही वजह है कि जब लोग घर से निकलते हैं, तो उनको यह डर सताए रहता है कि कहीं रास्ते में वह आवारा कुत्तों का शिकार न हो जाए.
बच्चे के नाक और आंख के आसपास 8 टांके आए
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक का ताज़ा मामला घासमंडी इलाके से आया है, जहां 5 साल के बच्चे पर कुत्ते ने हमला किया. यह हमला तब किया गया, जब बच्चा घर के बाहर खेल रहा था. इस हमले में बच्चों की आंख और नाक बुरी तरह जख्मी हुए. बच्चे के नाक और आंख के आसपास 8 टांके आए. उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है.
घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद
घायल बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.बच्चों के आंख और नाक के आसपास 8 टांके लगे हैं. घास मंडी इलाके की घटना है. बीते तीन दिन में ही अस्पतालों में डॉग बाइट के छह सौ से ज्यादा केस पहुंचे. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शहर की सड़कों पर इन दिनों लगभग 10 हजार से अधिक आवारा कुत्ते घूम रहे हैं और पिछले 10 महीने में लगभग 60 हजार लोगों को अपना शिकार बन चुके हैं. बीते रोज ही शहर में घूमते आवारा कुत्तों के शिकार बने 233 लोग रेबीज लगवाने जेएएच और जिला अस्पताल पहुंचे.
स्ट्रीट डॉग्स के आतंक से कब मिलेगी राहत
लंबे समय से ग्वालियर के हालात काफी गंभीर है. यहां एक तरफ बदमाशों के द्वारा रोज लूट, हत्या और फायरिंग जैसी घटनाएं सामने आ रही है, और इन घटनाओं से लोग डरे हुए हैं. लेकिन इससे भी ज्यादा अब स्ट्रीट डॉग्स के आतंक ने लोगों को बुरी तरह से भयभीत कर रखा है. शहर में अनेक इलाके तो ऐसे हैं आतंक से स्कूल जाने वाले बच्चे और लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया.
तो पीछे पड़ जाते हैं कुत्ते
इन आवारा कुत्तों से शहर वासी काफी परेशान और डरे हुए हैं. शहर वासियों का कहना है कि इतने आवारा कुत्ते है कि जब कोई बाइक से या पैदल निकलता है, तो पीछे पड़ जाते हैं. इन आवारा कुत्तों की वजह से छोटे-छोटे बच्चे घर से बाहर निकल नहीं पा रहे है और नहीं खेल पा रहे हैं. इन कुत्तों को ना तो पकड़ा जा रहा है और नहीं उनकी नसबंदी कराई जा रही है.
4 साल में 2.34 करोड़ पर खर्च फिर भी नहीं आ रही कमी
शहर में कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए निगम नसबंदी करवा रहा है, पिछले 4 सालों में इन पर 2.34 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. दवा है कि इस राशि से 25154 कुत्तों की नसबंदी कराई गई. वास्तविकता में कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इस वर्ष निगम ने नसबंदी के लिए एक करोड़ में नया ठेका दिया. लेकिन यह फार्म पिछले 8 महीने में सिर्फ 2000 कुत्तों की नसबंदी करा पाया है.
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डेली लगभग 100 मरीज कुत्ते काटने वाले आ रहे
ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल के हालात ऐसे हैं कि यहां पर कुत्ते काटने वाली मरीजों की लाइन लगी रहती है. यहां औसतन 100 से 150 मरीज प्रतिदिन ऐसे आ रहे हैं, जिनको सड़क पर घूमते आवारा कुत्तों ने काटा है. इसके अलावा जिला अस्पताल मुरार में रोज लगभग 100 मरीज कुत्ते काटने वाले आ रहे हैं, और पिछले 8 महीने में अभी तक 20000 से ज्यादा मरीज इलाज कर चुके हैं. वहीं, शहर के हजीरा अस्पताल में 8 महीने में 15000 मरीज इलाज कर चुके हैं. इनसे पता चलता है को बीते महज 10 महीनो में ही लगभग 7000 से ज्यादा लोग इन स्ट्रीट डॉग्स के शिकार बने हैं. इलाज करने आ रहे मरीजों का कहना है कि यह बच्चे, बुजुर्ग और बाइक सवार लोगों पर अटैक कर रहे है.
जानें क्या बोले- डॉग यूनिट के प्रभारी
इस मामले में अशोक आर्य, (प्रभारी डॉग यूनिट जेएएच ग्वालियर) ने कहा हमारे यहां इंजेक्शन की व्यवस्था पूरी है, सोमवार को 149, मंगलवार को 107 बुधवार को 58, आज 60 केस आ चुके हैं. ठंड की वजह से डॉग बाइट के मामले बढ़ जाते हैं.
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