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कैसे 'झुग्गी मुक्त' होगा भोपाल? सरकार ने बनाए 3500 फ्लैट, बने अपराधियों का अड्डा

Slum Free Bhopal: एक बार फिर से झुग्गी मुक्त भोपाल की बात जोर पकड़ रही है. हालांकि, ये डगर इतनी आसान नहीं है. सीएम मोहन यादव ने भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों को विस्तृत प्लान बनाने के लिए कहा है.

कैसे 'झुग्गी मुक्त' होगा भोपाल? सरकार ने बनाए 3500 फ्लैट, बने अपराधियों का अड्डा
झुग्गी मुक्त भोपाल की डगर पर सरकार, सीएम बोले- विस्तृत प्लान बनाएं.

MP News In Hindi: भोपाल देश के सारे राज्यों के बीच सबसे साफ-सुथरी राजधानी झीलों का शहर है ,लेकिन बेतरतीब तने घर, बसाहट, और अवैध झुग्गियां शहर की साख और खूबसूरती दोनों पर धब्बा लगा देती है,सरकार चाहती है शहर में झुग्गियां न हो,ऐसे में हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के विकास कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के निर्देश दिए,प्रदेश के मुखिया ने राजधानी भोपाल में झुग्गियों को हटाने के लिए विस्तृत प्लान बनाने को कहा है.

18 मल्टियों में 3500 फ्लैट हैं

 राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के निर्देश.

राजधानी भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के निर्देश.

भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने की राह आसान नहीं है,पिछले कई दशकों से कई सरकारों ने भोपाल को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए प्रयास किए. हालांकि, कई करोड़ों रुपए खर्च कर झुग्गियों को हटाकर भोपाल में हाउसिंग फॉर ऑल योजना के तहत करीब शहर में 18 मल्टियां बनी हुई हैं, इन्हीं 18 मल्टियों में 3500 फ्लैट हैं, इनमें ढोलक बस्ती, 12 नंबर, श्याम नगर, गंगा नगर, आराधना नगर, अर्जुन नगर आदि इलाके शामिल हैं.

इस वजह से लोग जगह नहीं छोड़ते

लेकिन एक दिक्कत है, घर मिलने पर भी कई लोग झुग्गी छोड़ना नहीं चाहते हैं,दरअसल अक्सर सरकार जो घर देती है, वो 350 वर्गफीट का होता है, वहीं झुग्गी 1000 से 1500 वर्गफीट की जमीन पर कई लोगों का कामकाज भी झुग्गी के आसपास ही होता है. इसी वजह से लोग जगह नहीं छोड़ते,करोड़ों रुपए बड़ा बजट खर्च हुआ लेकिन झुग्गी क्षेत्र बढ़ते गए,हालत अब ये है की निगम भी झुग्गियों में रहने वालों के सामने मजबूर हो कर उन्हें आवास में रहने के लिए अपील कर रहा है.

रेंट में दे दिए जाते हैं, आवंटित मकान 

महापुर मालती राय ये खुद मानती है कि कई लोगों ने अपने आवंटित मकानों को किराए पर चढ़ा दिया. सरकार की तरफ से आवंटित मकान में नियमों को ताक पर रखते हुए किराएदार रख दिए जाते हैं,महापौर लोगों से खुद मजबूर होकर अपील कर रहीं है,जिन लोगों के नाम मकान है, वो वापस लौट जाए.

19000 करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जा

भोपाल में कुल 388 बस्तियां हैं.

भोपाल में कुल 388 बस्तियां हैं.

राजधनी भोपाल में कुल 388 बस्तियां,करीब 1800 एकड़ में ये झुग्गियां फैली हैं,राजीव आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस आवास बनाने 700 करोड़ रुपये का बड़ा बजट खर्च किया गया,कई जगह पर आवास खली पड़े हुए है. जेएनएनआरयूएम के तहत 800 करोड़ रुपये से शहरी गरीबों के लिए आवास बनाने का काम हुआ. शहरभर में 18 से अधिक जगहों पर आवास बनाने का दावा किया. लेकिन झुग्गी क्षेत्र खत्म नहीं हुए,राजधनी में अंदाजा लगाए जाए तो 19000 करोड़ रुपये की जमीन पर इनका कब्जा है.

झुग्गी और बस्तियों का सर्वे शुरू

हालांकि अब दोबारा झुग्गी मुक्त अभियान में निगम जुटा हुआ है,नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने बताया की इस बार निगम नए तरीके से झुग्गियों को हटाकर मल्टी बनाने की प्लानिंग कर रहा है. शहर में झुग्गी और बस्तियों का सर्वे निगम ने शुरू किया है. इन जगहों पर सर्वे के बाद निगम का प्लान है, कि यहां रहने वाले लोगों को बस्ती से कुछ समय के लिए कहीं शिफ्ट कर बस्ती की जगह ही मल्टी बनाई जाएगी,जिससे की लोगों को मल्टी या उनके नए आवास के लिए कहीं दूर न जाना पड़े,हालांकि इसमें भी काफी समय लगेगा. एक पुराने सर्वे के मुताबिक भोपाल में अंदाज एक लाख झुग्गियां है.

इन घरों में मकान मालिक का रहना अनिवार्य

वैसे मुद्दा सिर्फ अवैध कब्जे का नहीं है, जिन लोगों को घर मिले उन्होंने उसे किराये से दे दिया और खुद कहीं और झुग्गी में शिफ्ट हो गए. नियम कहते हैं इन घरों में मकान मालिक का रहना अनिवार्य है ..भोपाल के शाहजहांनाबाद में 5 साल की बच्ची के साथ पड़ोसी ने ही दुष्कर्म किया और हत्या कर दी,तीन दिन तक बच्ची लापता रही. तीन दिन तलाश के बाद सामने पड़ोस के घर में पानी की टंकी में बच्ची का शव मिला. लोगों में भारी गुस्सा था. आरोपी अतुल पिछले छह महीने से मल्टी में किराए से रह रहा था. एक आरोपी बहन भी दूसरे घर में किराये से रहती थी. अतुल निहाले के खिलाफ खरगोन में आधा दर्जन केस दर्ज है. किराए से मकान देते वक्त कोई वेरिफिकेशन तक नहीं हुआ था.

छेड़ते हैं मनचले 

ऐसे ही एक मल्टी में सुमन रहती है,शाहपुरा के आसपास के घरों में झाड़ू पोंछा का काम करती है,पति है नहीं ,दो बेटियां है,दिनभर काम के दौरान बेटियों की चिंता सताती रहती है,बच्चियों को स्कूल से आते जाते मनचले छेड़ते है,शिकायत लेकर थाने भी पहुंची. लेकिन पुलिस ने दिलासा देकर बस वापस भेज दिया,सबरी नगर,गंगा नगर, आराधना नगर, अर्जुन नगर के मल्टी की भी यही हालत है.

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दर्ज होगा केस

मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आने के बाद प्रशासन नींद से जागा है पुलिस अब शहर के मल्टी में रहने वालों का आपराधिक रिकॉर्ड चेक करेगी, हाउसिंग फॉर ऑल में किराएदार मिलने पर उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज होगा,चेक किया जाएगा कि कहीं इन फ्लैटों में मालिक की जगह किराएदार तो नहीं रह रहा है. किराएदार मिलने पर मकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज होगा.पुलिस का कहना है लोग सरकार से मिले घरों में नियमों के खिलाफ किराएदार रखते हैं जिनका कोई वेरिफिकेशन नहीं होता और कई बार ये किरायेदार आपराधिक प्रवृत्ति के पाए जाते है.

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