Corruption Case In Bhind: भिण्ड जिले में मनरेगा के तहत बनाए गए अमृत सरोवर में एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां बीहड़ों के भरकों (गड्ढों) को ही अमृत सरोवर बता दिया गया. कागजों में बनाए गए ऐसे प्रत्येक तालाब की लागत 15 से 25 लाख रुपए बताई जा रही है, जिसमें 80 प्रतिशत तालाब बीहड़ किनारे बना दिए गए हैं.
केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य?
24 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से पानी पहुंचा था. एनडीटीवी टीम ने तालाबों का रियल्टी चेक के लिए मेहगांव जनपद की गोअरा पंचायत के भीकमपुरा गांव पहुंची, जहां 2022-23 में स्वीकृत 20 लाख 17 हजार रुपए की लागत से निर्मित अमृत सरोवर पर सिर्फ एक किनारे पर खंडे की पिंचिंग है.
10 लाख से अधिक की लागत से बने अमृत सरोवर में ट्यूबेल से भरा गया पानी
चन्दूपुरा गांव के ग्रामीण के अनुसार कुछ दिन पहले ही ट्यूबबेल से पानी भरा गया है. इसके लिए 10 लाख 8 हजार 973 रुपए का भुगतान हो चुका है. वर्तमान सरपंच राजेंद्री का कहना है कि सरोवर पुराने सरपंच के कार्यकाल का है. उन्होंने ही बीहड़ में उसे बनाया है, जो भुगतान हुआ, वह भी पूर्व में ही हुआ था.
बरेठी मंदिर के पीछे बीहड़ में बनी खाई को अमृत सरोवर नाम दे दिया
वहीं, बबेड़ी में बरेठी माता मंदिर के पीछे बीहड़ में बनी एक बड़ी खाई को ही अमृत सरोवर का नाम दे दिया. इसके निर्माण की लागत 24 लाख 75 हजार रुपए दर्शाई गई है. यह तालाब वर्ष 2021-22 में स्वीकृत हुआ था. 11 लाख 52 हजार 685 रुपए का भुगतान भी पंचायत ने ले लिया है.
बीहड़ के भरकों के बीच निर्मित जगह पर अमृत सरोवर का बोर्ड लगा दिया
गोहद के गिरगांव में दो अमृत सरोवर हैं, दोनों ही सरोवर वर्ष 2022-23 में स्वीकृत हुए. खेत के पास आबादी क्षेत्र से एक किमी दूर बना तालाब बीहड़ के भरकों के बीच निर्मित जगह पर अमृत सरोवर का बोर्ड लगा है, दिलचस्प यह है कि जिस जगह पर तालाब बता रहे, वहां एक बूंद पानी नहीं था. इसकी लागत 21 लाख 91 हजार रुपए है और 10 लाख 19 हजार 388 रु का भुगतान भी हो चुका है.
खेत के पास बने तालाब वाली जगह पर समतल जगह को ही तालाब बता दिया
करीब 18 लाख 41 हजार रु लागत वाले खेत के पास बने तालाब वाली जगह पर समतल जगह को तालाब बता दिया गया. इसमें तालाब का तीन लाख 87 हजार रु का भुगतान हो चुका है. इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह का कहना है कि इस भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
अमृत सरोवर बनाने के लिए मैटिरयल का इस्तेमाल नहीं है और भुगतान ले लिया
भिंड जिला पंचायत सीईओ जगदीश कुमार गोमे भी कार्यवाही का आश्वासन दे रहे है. उनका कहना है कि अमृत सरोवर बनाने के लिए मैटेरियल का इस्तेमाल नहीं हुआ और उसका भुगतान ले लिया है. ऐसे लोगों के खिलाफ जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी. दोषियों से भ्रष्टाचार की पूरी राशि वसूली जाएगी, साथ ही एफआईआर भी कराई जाएगी.
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