Madhya Pradesh and Rajasthan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने रविवार, 30 जून को राजस्थान (Rajasthan) के सीएम भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों राज्यों के बीच खास MoU पर हस्ताक्षर हुआ. इस खास मौके पर सीएम मोहन यादव ने कहा, 'आज का दिन एमपी के इतिहास में अलग प्रकार से लिखा जाएगा. छोटे मोटे परेशानियों का समाधान करना जरूरी है. राजस्थान और एमपी तो भाई भाई है, हमारा कल्चर मिला हुआ सा है.'
पानी की परेशानी को दूर करने के लिए अहम फैसला
सीएम मोहन यादव ने कहा, 'चंबल से एमपी के श्योपुर और ग्वालियर का हिस्सा पानी की परेशानी से जूझ रहा है. राजस्थान से लेकर आगर तक का पूरा बेल्ट इस परेशानी का शिकार है. इसलिए दोनों राज्यों के बीच खास एमओयू साइन किया गया है. इससे लगभग 13 जिलों को इससे फायदा पहुंचेगा और राजस्थान के भी 13 जिले है.'
एमपी में तीस लाख लोगों को फायदा-सीएम डॉ. यादव
डॉ. मोहन यादव ने एमओयू साइन करने के बाद बताया, 'कुल सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और एमपी में तीस लाख लोगों को लाभ मिलेगा. इस बड़ी योजना का पीएम के द्वारा भूमिपूजन करवाया जाएगा.' साथ ही सीएम ने बताया कि श्री कृष्ण पाथेय को लेकर भी दोनों राज्यों की सरकार विचार कर रही है.
पर्यटन को बढ़ावा देना जरूरी-सीएम मोहन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजस्थान के साथ साइन किए एमओयू को लेकर कहा कि दोनों राज्यों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया, 'एमपी में ओंकारेश्वर और महाकाल से लेकर राजस्थान के खाटू श्याम धाम को जोड़ते हुए एक खास सर्किट बनाई जाएगी. गांधी सागर से बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन कई क्षेत्रों में रोजगार भी पैदा करती है.
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चीते की सुरक्षा आप कर लो टाइगर की सुरक्षा हम कर लेंगे-CM
आए दिन रणथंबोर टाइगर रिजर्व से बाघ निकलकर घूमते-घूमते एमपी की सीमा में आ जाते हैं. कई बार चीता घूमते-घूमते उधर चला जाता है. ऐसे में दोनों राज्यों के बीच तय हुआ कि राजस्थान भागे हुए चीते की सुरक्षा करेगी और टाइगर की सुरक्षा एमपी करेगा. सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बायोडायवर्सिटी का लाभ दोनों राज्य एक दूसरे से कैसे उठा सकते हैं, इस पर भी काम करने की जरूरत है.
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