मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव जनपद पंचायत में एक घोटाला सामने आया है, जिसमें चंदे से बन रहे मंदिर को सरकारी कागजों में सामुदायिक भवन दिखा दिया गया और विधायक निधि से मंजूर करीब 24 लाख रुपए में से लगभग 16 लाख रुपए खर्च कर दिए गए. हैरानी की बात यह भी है कि इस रकम में जमीन पर सिर्फ 15 खंभों का ढांचा बनकर खड़ा है.
जानकारी के अनुसार, 27 मार्च 2023 को विधायक निधि से ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला में लगभग 24 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन यानी मंगल भवन के निर्माण को स्वीकृति मिली थी. जनपद पंचायत जुन्नारदेव को एजेंसी बनाया गया था, जिसकी जिम्मेदारी सरपंच और सचिव के पास थी. इस पूरे मामले में आरोप है कि बिना लेआउट, बिना ड्राइंग, बिना डिजाइन और बिना मजदूरी भुगतान के केवल कागजों पर ही निर्माण सामग्री के नाम पर करीब 16 लाख रुपए निकाल लिए गए. ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो मामला सामने आया. जिला योजना अधिकारी यशवंत वैध ने पहली जांच रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में एक मंदिर निर्माण के काम को सामुदायिक भवन का काम बताया गया.
चंदे से बन रहा है मंदिर
अधिकारी ने रिपोर्ट में कहा कि मंगल भवन का कार्य प्रगति पर है. हालांकि, हकीकत में वहां केवल 15 खंभों वाला स्ट्रक्चर था. इस स्ट्रक्चर पर एक मंदिर का निर्माण होना था, जिसमें 51 फीट की शिव प्रतिमा लगाई जानी थी और यह निर्माण इलाके के शिवभक्तों के चंदे से चल रहा था. सामुदायिक भवन योजना का इसका कोई संबंध नहीं था, इसके बावजूद जिला योजना अधिकारी ने स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर इस धार्मिक स्ट्रक्चर को सामुदायिक भवन बताकर जांच रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेज दी
वसूली के दिए निर्देश, नोटिस किए जाएंगे जारी
कलेक्टर ने अक्टूबर में TL बैठक के दौरान दोनों जांच रिपोर्ट मंगवाईं. रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलने पर उन्होंने जिला योजना अधिकारी को नोटिस जारी किया. छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने कहा कि जनपद CEO, सरपंच और इंजीनियर समेत छह जिम्मेदारों से राशि वसूल कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. जांच प्रतिवेदन में कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने गड़बड़ी की पुष्टि की है और उसके आधार पर वसूली के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नोटिस जारी कराए गए हैं.