
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के छतरपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने जहां मेडिकल कॉलेज में अस्पताल बनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि मेडिकल सुविधाओं का जिले में और भी विस्तार होगा तो वहीं अगले दिन जिले के चंदला कस्बे में प्रसूता को एंबुलेंस नहीं मिली और मजबूरी में परिजन हाथठेले पर लिटाकर ऊबड़ खाबड़ रास्ते से अस्पताल लेकर पहुंचे. मुसीबत यहां भी खत्म नहीं हुई. अस्पताल लेकर पहुंचने पर उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि अभी कोई स्टाफ नहीं है. 8 बजे के बाद आना.
ये कहानी है चंदला के वार्ड नंबर 4की रहवासी गर्भवती प्रियंका की और क्षेत्र की बदतर स्वास्थ्य समस्याओं की है. जिस क्षेत्र से जिले को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है उस क्षेत्र के नागरिकों को आज भी सड़क,बिजली,पानी,और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए आज भी तरसना पड़ रहा है.
प्रियंका के पति ने जानकारी देते हुए बताया कि मजबूरी में कोई वाहन न मिलने से वे प्रसूता को हाथठेले में लिटाकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन अस्पताल से यह कहकर लौटा दिया कि 8 बजे के बाद आना. आश्चर्य की बात तो यह है कि मौजूद कर्मचारी ने प्रसूता की कराहती आवाज़ और हाथठेले को भी संवेदनहीनता के साथ नजरअंदाज कर दिया और वापस भेज दिया. ये नजारा देख लोगों में भी स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था पर भारी आक्रोश है.
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