मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जेल में बंद एक आरोपी की मौत मामले में पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने टीआई सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. टीआई पीआर डाबर, एसआई विश्वनाथ यादव, आरक्षक रवि प्रकाश गर्ग और चालक धर्मेंद्र जाटव को सस्पेंड किया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय से तत्कालीन एसडीओपी खजुराहो मनमोहन बघेल को सस्पेंड करने की भी अनुशंसा की गई है. एनडीटीवी ने इस मामले को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
जानकारी के अनुसार, एक अगस्त को बमीठा पुलिस ने दो लूट की घटनाओं का खुलासा किया गया था. इसमें ग्राम बमारी निवासी राजबहादुर पिता भूपेंद्र सिंह सहित तीन आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस द्वारा पांच दिन की रिमांड पर लिया गया था.
'राजबहादुर ने नहीं की थी लूट'
जेल जाने के बाद राजबहादुर की तबियत बिगड़ गई और उसने गुरुवार को ग्वालियर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उक्त घटना को लेकर लूट के परिवादी बने नरेन्द्र निवासी नंदलालपुरा ने बताया कि उक्त मामले में पुलिस ने लुटेरों की पहचान कराने मुझे थाने में बुलाया था, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया था कि राजबहादुर सिंह ने मेरे साथ कोई लूट नहीं की है. घटना के आरोपी और कोई हैं. फरियादी नरेंद्र के अनुसार, पुलिस ने जबरन राजबहादुर सिंह को आरोपी बनाया.
सस्पेंड थाना प्रभारी ये बोले
थाना प्रभारी पीआर डाबर का कहना है कि आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार किया था. रिमांड पर लेने के बाद और जेल में दाखिल करते समय आरोपी पूरी तरह से स्वस्थ था, उसे कोई बीमारी नहीं थी. अब मौत कैसे हुई, यह बाद में ही स्पष्ट होगा.