छतरपुर जिला न्यायालय ने रिश्वत लेने के मामले में सेल्समैन को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. किसान की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने सेवा सहकारी समिति के सेल्समैन को गेहूं तुलाई और राशि भुगतान कराने के एवज में किसान से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
किसान ने की थी लोकायुक्त में सेल्समैन की शिकायत
दरअसल, फरियादी राजकुमार दुबे ने 11 मई, 2018 को जुझार सिंह सेल्समैन सेवा सहकारी समिति बम्होरी तहसील बकस्वाहा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी. शिकायत में कहा था कि मां के नाम सेवा सहकारी समिति बम्होरी के गेहूं उपार्जन केंद्र पर 128.18 क्विंटल गेहूं की तुलाई कराई थी. जिसकी कम्प्यूटर में फीडिंग और गेहूं की राशि का भुगतान कराने के एवज में सेल्समैन जुझार सिंह ने 5 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा है. किसान ने शिकायत में कहा था कि सेल्समैन को रिश्वत नहीं देना चाहता हूं और उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहता हूं.
रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था सेल्समैन
लोकायुक्त पुलिस ने राजकुमार को वॉयस रिकॉर्डर देकर सेल्समैन की रिश्वत मांगने की बात रिकॉर्ड कराई, जिसमें सेल्समैन ने 3, 800 रुपये रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया. जिसके बाद 14 मई, 2018 को ट्रैप दल फरियादी किसान को लेकर सेवा सहकारी समिति बम्होरी पहुंचा. सेल्समैन जुझार सिंह ने जैसे ही फरियादी किसान से रिश्वत की राशि 3,800 रुपये लिए तभी ट्रेप दल ने घेरा बंदी करके सेल्समैन को रंगे हाथों दबोच लिया था.
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जिसके बाद अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजन के गौतम ने पैरवी करते हुए दलील रखी थी और कहा था कि भ्रष्टाचार से जनता की नजर में लोकसेवकों पर विश्वसनीयता कम हो रही है. भ्रष्टाचार से व्यक्ति का नैतिक और चारित्रिक पतन हो रहा है. किसान और गरीब व्यक्तियों के जीवन जीने के प्राकृतिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इस वजह से आरोपी को कठोर से कठोर सजा दी जाए.
भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नींव को हिला रहा: कोर्ट
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या हो गई है, जो समाज को खोखला कर रही है. भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नींव को हिला रहा है. आरोपी सेल्समैन ने एक किसान से रिश्वत ली है. ऐसे मामलों में आरोपी को सजा देते समय नरम रुख अपनाया जाना. साथ ही विधि की मंशा के विपरीत है.
कोर्ट ने आरोपी सेल्समैन जुझार सिंह को दोषी ठहराते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 4 साल की सजा सुनाई. साथ ही 3 हजार रुपये के जुर्माना भी लगाया है.
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