
Cheetah in India: देश में करीब सात दशक से अधिक समय पहले चीते विलुप्त हो गए थे. आखिरी बार चीतों को छत्तीसगढ़ में देखा गया था. उसके बाद केंद्र सरकार के प्रयासों से 17 सितंबर 2023 में देश में फिर से उन्हें बसाने के लिए नामीबिया से चीतों को लाया गया था. इन्हें मध्य प्रदेश के सोपुर जिले में स्थित कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोड़ा था. देश में चीतों का यह पहला घर था, जहां चीते एक बाड़े में रखे गए. इसके बाद धीरे-धीरे भारत के मौसम में ढलने के बाद चीतों को एक-एक खुले जंगल में छोड़ा गया.

Add image caption here
अब चीतों का दूसरा घर भी मध्य प्रदेश में बनकर तैयार हो चुका है. 20 अप्रैल को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव नीमच मंदसौर जिले की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्य अभयारण्य (Gandhi Sagar Forest Sanctuary) में बनाए गए बारे में दो नर चीतों को छोड़ेंगे. रविवार सुबह श्योपुर जिले की कूनो सेंक्चुअरी से मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में करीब 8 घंटे का सफर तय कर पहुचेंगे. यहाँ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शाम 4 बजे दो नर चीतों पावक और प्रभास को छोड़ेंगे.

प्रशासन ने पूरी की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) नीमच जिले की सीमा में बने इन बाड़ों में चीतों को छोड़ेंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. शनिवार को ही कलेक्टर हिमांशु चंद्र, एसपी अंकित जायसवाल, स्थानीय विधायक अनिरुद्ध माधव और मारू एसडीएम पवन बारिया ने चीता प्रोजेक्ट और वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट पर तैयारी का जायजा लिया था.

ऐसा है मुख्यमंत्री का कार्यक्रम
वहीं, मुख्यमंत्री दौरा कार्यक्रम जारी किया गया है. इसके तहत मुख्यमंत्री रविवार को नीमच जिले के जावद, रामपुरा बस्सी ब्लॉक में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे. वे 11 बजे राजगढ़ से 11:40 बजे जिले के जावद आएंगे और स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद हेलीकॉप्टर से दोपहर 1:30 बजे रामपुरा पहुचकर, स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे. यहां से हेलिकॉप्टर से दोपहर 1:30 बजे गांव बस्सी ब्लॉक तहसील रामपुरा पहुंचकर, चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे. फिर गांधी सागर अभ्यारण में आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री शाम 4:45 बजे बस्सी से हेलीकॉप्टर से नीमच हवाई पट्टी पहुंचेगे और शाम 5:10 बजे नीमच से वायुयान द्वारा भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे.
चीतों के लिए 89 सौ हेक्टेयर का एरिया
गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है. विभाग ने 8 से 10 चीतों के लिए बसने की व्यवस्था वर्तमान में की है. धीरे-धीरे एक बड़ा कुनबा चीतों का गांधी सागर अभयारण्य में बसाया जाएगा. फिलहाल दो चीते लाए जा रहे है. चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं. इसके अलावा यहां पहले से ही बड़ी संख्या में हिरण मौजूद हैं.
चीतों की देखभाल 40 प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा की जाएगी, जिनका प्रशिक्षण कूनो सैंक्चुरी में पूरा हो चुका है. 90 चीता मित्र सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं. विशेष व्यवस्थाओं में वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें इन्हें सुरक्षित रखा जाएगा. चीतों के लिए पानी के लिए तालाब बनाए गए हैं. चीतों के आने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें- प्रेमी जोड़ों की प्रेम कहानी में जला गांव, घर छोड़कर गए लड़का-लड़की तो भड़की हिंसा; दुकान-मकानों में लगाई आग