
Madhya Pradesh News Today: एमपी के जबलपुर तहसील में पदस्थ पटवारी के साथ हुई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अधारताल थाने में पदस्थ पटवारी प्रवीण सिंह ने बताया कि एक भूमि की जांच के मामले में अपने मन मुताबिक जांच प्रतिवेदन न देने से नाराज होकर पनागर क्षेत्र के भाजपा विधायक सुशील तिवारी इंदू ने उन्हें दमोह नाका स्थित उनके कार्यालय बुलाया और जमकर गाली गलौज की. इसके बाद अपने लोगों से बोलकर पटवारी के साथ जमकर मारपीट करवाई.
जानें किसने क्या कहा..
दूसरी ओर विधायक इंदु तिवारी ने इस पूरे मामले पर बताया कि पटवारी की पिटाई उनके कार्यालय में नहीं हुई है, लेकिन यह जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है कि उनके कार्यालय के बाहर स्थित एक अस्पताल के सामने कुछ लोगों ने पैसे के लेनदेन पर पटवारी द्वारा काम न किए जाने के विवाद पर उसके साथ जमकर मारपीट की है. विधायक तिवारी ने कहा कि उनके कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, आरोप निराधार हैं कि उनके कार्यालय में किसी पटवारी के साथ मारपीट हुई है.
आखिर किसने की शासकीय कर्मचारी से मारपीट
प्रवीण सिंह एक शासकीय कर्मचारी हैं, उनके साथ की गई मारपीट सामान्य घटना नहीं मानी जा सकती. ऐसी स्थिति में अब इस बात की बड़ी चुनौती है कि यह पता लगाया जाए कि आखिर उनके साथ मारपीट किसने की? शासकीय कर्मचारी से मारपीट करने वालों को चिन्हित कर गिरफ्तार करना पुलिस का काम है. जिला प्रशासन को भी इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करवाना चाहिए. ताकि शासकीय कर्मचारियों का मनोबल न गिरे.
कौन है जमाल शेख ?
इस पूरे मामले में एक नाम पटवारी प्रवीण सिंह ने प्रमुखता से उठाया है, वह है किसी जमाल शेख का. पटवारी प्रवीण सिंह का कहना है कि विधायक इंदु तिवारी की ओर से इस बात का दबाव था कि वह सीलिंग की शासकीय भूमि को बेचने के मामले में जमाल शेख के खिलाफ रिपोर्ट बनाये, जबकि पटवारी ने जाकर मौके पर जांच की और पाया कि यहां पर अधिकांश लोग घंटाघर और नया बस स्टैंड से विस्थापित होकर रहने आए हैं. बहुत से लोगों के पास पट्टे हैं. कुछ लोग अतिक्रमण करके भी यहां रह रहे हैं.
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खसरे की जांच की मांग की गई थी
पटवारी का कहना है कि किसी ने भी मौके पर जमाल शेख का नाम नहीं दिया. इसलिए उन्होंने जांच रिपोर्ट में उसका उल्लेख नहीं किया. दूसरी ओर विधायक इंदु तिवारी का कहना है कि पटवारी और यही लोग मिलकर सीलिंग की भूमि को बेचने का काम कर रहे हैं. विधायक तिवारी ने कहा कि उन्होंने सीलिंग भूमि के संबंध में ही जांच के लिए पत्र लिखा था, लेकिन अधिकारियों ने जो आरोपी हैं, उसी को जांच का जिम्मा सौंप दिया, जिस खसरे की जांच की मांग की गई थी, उसको छोड़कर जानबूझकर दूसरे खसरे की जांच की गई.
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