Raipur News: बीते महीने 27 जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली के कोचिंग सेंटर (Delhi Coaching Center Accident) के बेसमेंट में पानी भरने से UPSC की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के बाद भी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अस्पतालों में शॉपिंग मॉल मालिकों की नींद नहीं टूटी है. पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर बहस चल रही है लेकिन लगता है कि रायपुर बेपरवाह है. NDTV ने प्रदेश की राजधानी रायपुर में जब ग्राउंड पर हालात का जायजा लिया तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई. शहर के कई अस्पताल (Hospitals in Raipur) अपने बेसमेंट में धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं. यहां तक की कई अस्पतालों में ICU तक बेसमेंट में चल रहे हैं. यही हाल शॉपिंग कॉम्पलेक्स का भी है. यहां भी बेसमेंट में धड़ल्ले से दुकानें संचालित हो रही हैं. जैसे कह रही हों हमारे यहां हादसे तो हो ही नहीं सकते. आगे बढ़ने से पहले हालात को मसमझ लेते हैं.
NDTV की टीम सबसे पहले पहुंची पचपेड़ी नाका स्थित श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल. इस अस्पताल के बाहर ही बेसमेंट में जाने वाली गैलरी के ऊपर ही साफ-साफ लिखा है- बेसमेंट में इमरजेंसी,काउंसिलिंग MRD, TPA,ORB और प्ले एरिया है. खतरनाक बात ये है कि इस अस्पताल का बेसमेंट सड़क के लेवल से काफ़ी नीचे है. ज़्यादा बारिश होने को स्थिति में पानी बेसमेंट में भर सकता है. अस्पताल इलाज कराने पहुंचे क्रांति घोष ने NDTV से कहा- दिल्ली की कोचिंग की जैसी घटना नहीं होनी चाहिए. यहाँ के बेसमेंट में पानी जा सकता है जो खतरनाक है.
इसके बाद NDTV की टीम देवेद्र नगर के मोर अस्पताल पहुंची. इस अस्पताल में एक नहीं दो बेसमेंट है. पहले बेसमेंट में ICU,OT,लेबर रूम और डायलिसिस के डिपार्टमेंट चल रहे हैं. दूसरे बेसमेंट में भी दो ICU बर्न वार्ड और X रे डिपार्टमेंट हैं. ये हालत तब है जबकि इसी पेशे से जुड़े लोग इसे खतरनाक मानते हैं. रायपुर IMA के अध्यक्ष राकेश गुप्ता के मुताबिक रायपुर अब एक महानगर की तरह बढ़ रहा है. लेकिन इमारतों के बेसमेंट में हॉस्पिटल चलाना नियम विरुद्ध और ये जानलेवा भी हो सकता है.
अस्पताल के बाद एनडीटीवी की टीम शॉपिंग माल में बेसमेंट का जायज़ा लेने लालगंगा शॉपिंग मॉल पहुँची तो पता चला मॉल का नीचे वाला बेसमेंट पूरी तरह बंद है. जहां पानी घुस जाता है. एक दूसरे बेसमेंट में दुकानें संचालित हो रही हैं. दुकान संचालक विकास ने बताया वे किराए की दुकान में है उनकी दुकान में कभी पानी नहीं भरता है.एक दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकान के संचालक कमल का कहना है उनकी दुकानें वैध हैं. हालांकि जब हमने प्रशासन से बात की तो अधिकारियों का कहना है कि बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग या स्टोरेज के लिये ही होना चाहिए. उनका कहना है कि ये गैरकानूनी भी है.
अविनाश मिश्रा
जाहिर इस खतरनाक स्थिति के बारे में जिम्मेदार अधिकारियों से जब हम बात करेंगे तो वे कार्रवाई की बात जरूर कहेंगे लेकिन सवाल ये है कि जो तस्वीरें एनडीटीवी के कैमरे ने चंद घंटों में दिखा दीं उसके बारे में नगर-निगम को मालूम तक क्यों नहीं है. और यदि मालूम है तो अब तक एक्शन क्यों नहीं हुआ? क्या प्रशासन दिल्ली के कोचिंग सेंटर जैसे हादसों का इंतजार कर रहा है?
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