
Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी, जिनकी कुल लागत 24,634 करोड़ रुपये (लगभग) है. इन परियोजनाओं में वर्धा-भुसावल- तीसरी और चौथी लाइन, गोंदिया-डोंगरगढ़- चौथी लाइन, वडोदरा-रतलाम- तीसरी और चौथी लाइन (गुजरात और मध्य प्रदेश), इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन (मध्य प्रदेश) शामिल हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों को कवर करने वाली चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मध्यप्रदेश को रेल परियोजनाओं की सौगात
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 7, 2025
प्रदेश की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों को मिलेगी नई रफ्तार
🚆 वड़ोदरा - रतलाम : तीसरी और चौथी रेल लाइन, 259 किमी (गुजरात & मध्यप्रदेश)
🚆 इटारसी - भोपाल - बीना : चौथी रेल लाइन, 237 किमी (मध्यप्रदेश)… pic.twitter.com/DHVg6rh3yL
MP के इस आकांक्षी जिले में बढ़ेगी कनेक्टिविटी
स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85.84 लाख है, तथा दो आकांक्षी जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
आज #Cabinet में रेलवे के चार बड़े प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी गई है
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) October 7, 2025
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली है
🚉वर्धा - भुसावल - तीसरी और चौथी लाइन - 314 किलोमीटर (महाराष्ट्र)
🚉गोंदिया - डोंगरगढ़ - चौथी लाइन - 84… pic.twitter.com/jOXnhN2srJ
केन्द्रीय मंत्रि-मंडल समिति ने मध्यप्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन को और गुजरात एवं मध्यप्रदेश के बीच 259 किलोमीटर लंबी बढ़ोदरा-रतलाम, तीसरी और चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन को तथा महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है. कुल 24 हजार 634 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं 2030-31 तक पूरी होंगी. स्वीकृत मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं से लगभग 3 हजार 633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85 लाख 84 हजार है तथा 2 आकांक्षी जिलों विदिशा और राजनांदगांव तक संपर्क बढ़ेगा. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों में व्याप्त इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
इन क्षेत्रों में भी बढ़ेगी कनेक्टिविटी
मध्यप्रदेश में परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, प्रागैतिहासिक मानव जीवन के प्रमाणों और प्राचीन शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका शैलाश्रय, हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगा, जो देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा. यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए भी आवश्यक मार्ग है. पटरियों की संख्या बढ़ाए जाने से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन देश के जलवायु लक्ष्यों और परिचालन लागत को कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा जो 6 करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है.
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