
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने शुक्रवार को 12,000 करोड़ रुपए की लागत से वित्त वर्ष 2025-26 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. पीएमयूवाई के तहत, लाभार्थियों को एक साल में 14.2 किलो वाले 9 एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपए प्रति रिफिल की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है. पीएमयूवाई मई 2016 में देश भर के गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. 1 जुलाई, 2025 तक, देश भर में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन उपलब्ध हैं. सभी पीएमयूवाई लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है, जिसमें सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, पाइप, घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड बुकलेट और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल होता है.
#Cabinet approves continuation of Targeted Subsidy for #PradhanMantriUjjwalaYojana (PMUY) for 2025-26 at ₹ 12,000 crore
— PIB India (@PIB_India) August 8, 2025
PMUY is recognized as a significant example of inclusive growth, across the world. 10.33 crore families have been benefitted by PMUY
Till now, benefit… pic.twitter.com/oa8U8VOm2X
उज्ज्वला 2.0
उज्ज्वला 2.0 की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, सभी लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी निःशुल्क प्रदान किया जाता है. पीएमयूवाई लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, पहले रिफिल या चूल्हे के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इनका खर्च केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से वहन किया जाता है.
To ensure that #LPG gas remains affordable for the middle class, the Cabinet has approved a subsidy of ₹30,000 crore
— PIB India (@PIB_India) August 8, 2025
- Union Minister @AshwiniVaishnaw #CabinetDecisions pic.twitter.com/QnCNTcKJai
इस योजना का उद्देश्य पीएमयूवाई लाभार्थियों को एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तीव्र उतार-चढ़ाव के प्रभाव से बचाना है क्योंकि भारत की एलपीजी आवश्यकता का 60 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा होता है. अक्टूबर 2023 में, सरकार ने लक्षित सब्सिडी को बढ़ाकर प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 300 रुपये कर दिया. पीएमयूवाई उपभोक्ताओं की औसत प्रति व्यक्ति खपत (पीसीसी), जो 2019-20 में केवल लगभग 3 रिफिल और 2022-23 में 3.68 रिफिल थी, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 4.47 रिफिल तक बढ़ गई है, जो योजना की सफलता को दर्शाती है.
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