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एमपी में एक और Tiger की संदिग्ध मौत, सागर में नर बाघ का मिला शव; वन विभाग जांच में जुटा

मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक वयस्क बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वन विभाग ने जांच शुरू की है और बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जांच में शरीर पर कोई बाहरी चोट या करंट के निशान नहीं मिले हैं.

एमपी में एक और Tiger की संदिग्ध मौत, सागर में नर बाघ का मिला शव; वन विभाग जांच में जुटा

सागर जिले के ढाना रेंज अंतर्गत हिलगन गांव के पास एक वयस्क बाघ की डेड बॉडी संदिग्ध हालत में मिलने से सनसनी फैल गई. इधर, सूचना मिलते ही वन विभाग भी अलर्ट हो गया और दक्षिण वन मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने टाइगर रिजर्व प्रबंधन से भी संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी साझा की.

जानकारी के अनुसार, बाघ की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसका फिलहाल स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है. शुरुआती तौर पर आशंका जताई जा रही थी कि खेतों में फसलों की सुरक्षा के लिए लगाए गए करंट या अन्य घातक साधनों की चपेट में आने से बाघ की मौत हो सकती है, क्योंकि इन दिनों जंगली क्षेत्र से सटे खेतों में किसान इस तरह के उपाय अपनाते हैं.

जख्म के निशान नहीं, सभी अंग सुरक्षित

हालांकि, जांच के दौरान यह सामने आया कि लगभग 6 साल के इस बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं और उसके शरीर पर करंट या किसी बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं. ऐसे में यह मौत और भी रहस्यमयी बन गई है.

कहां से आया बाघ

बताया जा रहा है कि यह स्थान नौरादेही टाइगर रिजर्व के जंगलों से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसी वजह से यह भी आशंका जताई जा रही है कि मृत बाघ नौरादेही का न होकर पन्ना टाइगर रिजर्व से भटककर आया हो सकता है. फिलहाल वन विभाग इस एंगल से भी जांच कर रहा है कि बाघ यहां तक कैसे पहुंचा.

48 घंटे पुराना हो सकता है शव

नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ एए अंसारी ने बताया कि यह पुष्टि करने में एक-दो दिन का समय लग सकता है कि यह बाघ नौरादेही का है या पन्ना टाइगर रिजर्व का. उन्होंने कहा कि बाघ का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, साथ ही उसकी तस्वीरों और अन्य पहचान संबंधी रिकॉर्ड का मिलान किया जा रहा है. डॉ. अंसारी के अनुसार, बाघ का शव 24 से 48 घंटे पुराना प्रतीत हो रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ठंड के कारण कभी बाघ की मौत नहीं होती, इसलिए मौत की वास्तविक वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगी.

गौरतलब है कि नौरादेही टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. वर्तमान में यहां शावकों सहित कुल 26 टाइगर मौजूद हैं. वर्ष 2018 में राधा और किशन नामक बाघों को लाकर यहां दोबारा टाइगरों की बसाहट की गई थी, जबकि इससे पहले आखिरी बार वर्ष 2008 में यहां बाघ देखा गया था इसके अलावा जुलाई 2026 में नौरादेही में चीतों को बसाने की भी तैयारी चल रही है.

नौरादेही टाइगर रिजर्व न केवल बाघों के लिए, बल्कि तेंदुआ, भारतीय भेड़िया, भालू, नीलगाय, चीतल और चिंकारा जैसे कई वन्य प्राणियों का भी प्रमुख आवास है. ऐसे में संदिग्ध परिस्थितियों में बाघ की मौत ने वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल वन विभाग की जांच जारी है और रिपोर्ट के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी.
 

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