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MP News: बुरहानपुर में निकली अनूठी बारात,  काला चश्मा पहनकर बग्घी से दुल्हन ने की धमाकेदार एंट्री

Madhya Pradesh News: बुरहानपुर शहर में सकल पंच गुजराती मोढ़ वणिक समाज और पाटीदार समाज की बेटियों को सम्मान देने के लिए बारात में घोड़ी पर दूल्हों को सवार करने की बजाय दुल्हन बनी बेटियों को घोड़ी पर सवार करने की परंपरा है.

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MP News: बुरहानपुर में निकली अनूठी बारात,  काला चश्मा पहनकर बग्घी से दुल्हन ने की धमाकेदार एंट्री

Burhanpur News: बुरहानपुर में लग्न का सीजन शुरू होते ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है. इस दौरान कई अजीबो गरीब नजारे देखने को मिल रहे हैं. ताजा मामला एक अनोखी दुल्हन का है, जिसने अपनी शादी के मंडप में बग्घी पर सवार होकर काला चश्मा पहनकर ऐसी धमाकेदार एंट्री की कि सारे के सारे बाराती दुल्हन को देख कर दंग रह गए.

इस अंदाज में दुल्हन की एंट्री का सीन जिसने भी देखा, उन्होंने इसे अपने-अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. अब इस अनूठी दुल्हन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल  हो रहा है. 

घोड़ी पर सवार होकर शादी के लिए जाती हुई दुल्हन.

घोड़ी पर सवार होकर शादी के लिए जाती हुई दुल्हन.

बहुत ही पुरानी है ये परंपरा

दरअसल, बुरहानपुर शहर में सकल पंच गुजराती मोढ़ वणिक समाज और पाटीदार समाज की बेटियों को सम्मान देने के लिए बारात में घोड़ी पर दूल्हों को सवार करने की बजाय दुल्हन बनी बेटियों को घोड़ी पर सवार करने की परंपरा है.  इस समाज की यह परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन बीच में 5 दशकों से यह परंपरा बंद हो गई थी. हालांकि, नई जनरेशन की लड़कियों को जब इस परंपरा की जानकारी मिली, तो लेडिज फर्स्ट वाले जमाने में लड़कियां अपने माता-पिता यहां तक कि अपने होने वाले जीवन साथी को इस परंपरा को दोबारा शुरू करने के लिए राजी करने में कामयाब हो रही है. इसी के परिणाम स्वरूप लग्न के सीजन में बुरहानपुर की सड़कों पर गाजे-बाजे और डीजे की थाप पर निकलने वाली बारात में घोड़े पर दूल्हों की जगह दुल्हनें सवार दिखाई देती है.

घोड़ी पर सवार होकर शादी के लिए जाती हुई दुल्हन.

घोड़ी पर सवार होकर शादी के लिए जाती हुई दुल्हन.

खत्म हो चुकी परंपरा को किया जीवित

पाटीदार समाज और गुजराती समाज में दुल्हन को घोड़े पर बैठाकर बारात ले जाने की परंपरा है, जिसे कन्या घाटडी के नाम से जाना जाता है. इसमें घोड़ी पर सवार होकर कन्या दुल्हन बनकर अपने होने वाले पति के घर बारात लेकर जाती है और उसे शादी करने के लिए अपने घर आने का निमंत्रण देती है. वैसे तो यह परंपरा बंद हो गई थी, लेकिन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के इस दौर में लड़कियों को जब अपने समाज की यह परंपरा पता चली, तो उन्होंने इसे पुनर्जीवित करने के लिए अपने परिजनों से आग्रह किया. इसके साथ ही अपने होने वाले पतियों को भी इसके लिए राजी कर रही हैं.

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सिंधी समाज की बेटियों की भी निकलती है बारात

इसी तरह सिंधी समाज में भी शादी में वधु पक्ष के लोग वर पक्ष के यहां बारात लेकर पहुंचते हैं. सामान्य भाषा में ऐसा कहा जाता है सिंधी समाज में वधु पक्ष बारात के रूप में वर पक्ष के यहां जाते हैं, लेकिन समाज में भी अब बेटियों को बढ़ावा देने के लिए दुल्हन बनने वाली बेटियों की बग्घी में डीजे की थाप के साथ बारात निकालने की परंपरा शुरू हो गई है. पिछले कई सालों से लागातार ऐसे नजारे देखे को मिल रहे हैं. 

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