विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी को मध्यप्रदेश में झटका लगा है. पार्टी को ये झटका देने वाला कोई और नहीं बल्कि उन्हीं का विधायक हैं. सतना के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी ही पार्टी से खासे नाराज हैं. वे इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने खुद की राजनीतिक पार्टी बना ली. पार्टी बनाई तो बनाई मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपनी बनाई पार्टी "विध्य जनता पार्टी" से प्रत्याशी उतारने का ऐलान भी कर दिया. नारायण त्रिपाठी की नाराजगी या उनका 230 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने से बीजेपी को कितना नुकसान होगा इसका पता तो चुनाव परिणाम आने पर ही चल पाएगा.
उठाए बीजेपी पर कई सवाल
पूर्व बीजेपी नेता ने अपनी पार्टी बनाई और पुरानी पार्टी पर वार करना शुरू कर दिया, इ्न्होंने कहा, "किसान नौजवान ,कर्मचारी सब सरकार से परेशान है. सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है, जो काम चुनाव से पहले हो सकता था उसे ठीक चुनाव के पहले किया जा रहा है"
कई पार्टियों की कर चुके हैं सवारी
नारायण त्रिपाठी अटल जी को भी इन चुनावों में ले आए और कहा कि अटल जी ने एक सीट के लिए पद छोड़ दिया था और यहाँ तो पुराने नेताओं को भूलते जा रहे हैं. नारायण त्रिपाठी का सियासी सफर काफी पुराना है और वो कई पार्टियों की सवारी भी कर चुके हैं.
बीजेपी को हो सकता है नुकसान
मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है बीजेपी लगातार जन आशीर्वाद यात्रा कर जनता में अपनी पकड़ मजबूत करना चाह रही है. अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे दिग्गज नेता मध्य प्रदेश के रण में उतर चुके हैं. बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावों में अपनी पूरी ताकत लगा रही है.तैयारी के मामले में बीजेपी कांग्रेस से कहीं आगे निकल गई है लेकिन बीजेपी को अपनी ही पार्टी से बड़ा झटका लगा है. नारायण त्रिपाठी बीजेपी में रहे है तो बीेजेपी के दांव पेंच से अच्छी तरह से वाकिफ भी होंगें, वैसे उनके बीजेपी पर वार करने से ऐसा लग रहा है कि उन्हें अपनी जीत बीजेपी की हार में ही नजर आ रही है. उनके इस कदम से बीजेपी की परेशानी बढ़ना तय लग रहा है.
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