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This Article is From Nov 21, 2024

MP Congress: जीतू पटवारी के आंसुओं पर बीजेपी का कटाक्ष,'कांग्रेस के  दिग्गजों ने ही पार्टी अध्यक्ष को हाशिये पर पहुंचा दिया'

Madhya Pradesh News: प्रदेश कांग्रेस में आंतरिक कलह और दिग्गज नेताओं की गुटबाजी पर जहां प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी एक बैठक में रोने पर मजबूर हो गए. वहीं, अब भाजपा भी उनके आंसू पर कटाक्ष कर रही है.

MP Congress: जीतू पटवारी के आंसुओं पर बीजेपी का कटाक्ष,'कांग्रेस के  दिग्गजों ने ही पार्टी अध्यक्ष को हाशिये पर पहुंचा दिया'

MP Congress Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari)  की बैठक में भावुक होने पर बीजेपी (BJP) ने बड़ा तंज कसा है. बीजेपी के मीडिया विभाग के प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि यह आंसू सिर्फ जीतू पटवारी के नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी हालत का प्रतीक है.

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जीतू पटवारी को ठिकाने लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों की रणनीति ने ही पटवारी को रोने पर मजबूर कर दिया है. आशीष अग्रवाल ने दावा किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं जैसे दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh), कमलनाथ (Kamalnath) और अरुण यादव (Arun Yadav) ने पटवारी को हाशिए पर लाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया.

कांग्रेस की गुटबाजी पर सवाल

बीजेपी ने कांग्रेस की गुटबाजी को एक बार फिर से निशाने पर लिया है. आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस का हर नेता अपनी व्यक्तिगत रणनीति में व्यस्त है और पार्टी की स्थिति को सुधारने की बजाय, अंदरूनी राजनीति में लिप्त है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे नेताओं ने अंदरूनी राजनीति के जरिए जीतू पटवारी को कमजोर किया. अब यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अपनी ही गुटबाजी में उलझी हुई है. अग्रवाल ने आगे जोड़ा कि जब एक प्रदेश अध्यक्ष को अपनी ही पार्टी में समर्थन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो इससे यह साफ हो जाता है कि कांग्रेस अपने नेताओं की आपसी खींचतान से उबर नहीं पा रही.

"कांग्रेस के आंसू पोंछने वाला कोई नहीं"

बीजेपी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर चुटकी लेते हुए कहा कि जीतू पटवारी जैसे नेता पार्टी में अकेले पड़ गए हैं. वरिष्ठ नेताओं की कथित रणनीतियों ने पार्टी के भीतर की असहमति को और उजागर कर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के पास अब अपने आंसू पोंछने वाला भी कोई नहीं है. पार्टी की अंदरूनी राजनीति ने उसे इस स्थिति में पहुंचा दिया है.

कांग्रेस के लिए चुनौती

बीजेपी के इन आरोपों के बीच, यह साफ है कि कांग्रेस को न केवल विपक्ष से बल्कि अपनी ही अंदरूनी राजनीति से भी लड़ाई लड़नी होगी. जीतू पटवारी की भावुकता ने पार्टी के भीतर की खींचतान और चुनौतियों को फिर से उजागर कर दिया है.

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बैठक में दिग्गजों के नहीं पहुंचने पर रो पड़े थे पटवारी

दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में भावुक हो गए थे. बैठक में वरिष्ठ नेताओं और विशेष आमंत्रित सदस्यों की उपस्थिति में उन्होंने अपनी कठिनाइयों और पार्टी के लिए किए गए प्रयासों को लेकर खुलकर बात की. इस दौरान पटवारी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में मुझे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई. लोकसभा चुनाव सिर पर थे और पार्टी एक कठिन दौर से गुजर रही थी. हाईकमान ने मुझ पर और आप सभी पर विश्वास दिखाया. जब आपका अनुभव और मेरा परिश्रम साथ आएगा, तो कांग्रेस को निश्चित रूप से अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन इसके लिए मुझे आपका पूरा साथ चाहिए.बताया जाता है कि ये बयान देते हुए पटवारी भावुक हो गए थे, क्योंकि उनका साथ देने के लिए इस बैठक में कई वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचे थे. बैठक में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और उमंग सिंगार जैसे वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी में जीतू पटवारी का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी नेताओं का साथ आना बेहद जरूरी है. बताया जाता है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के पहले से तय दौरे होने की वजह से वे बैठक में शामिल नहीं हो सके थे. 

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