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भाजपा के कब्जे वाली नगर परिषद में बगावत, BJP के बाद कांग्रेस पार्षदों का इस्तीफा; सामने आई वजह

आगर मालवा जिले में राजनीतिक भूचाल आ गया है, जहां भाजपा के कब्जे वाली नगर परिषद बड़ौद में बगावत हो गई है. चार भाजपा पार्षदों ने अपने इस्तीफे का पत्र कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को सौंपा है, जिसके तुरंत बाद कांग्रेस के पांच पार्षद भी अपना इस्तीफा लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए.

भाजपा के कब्जे वाली नगर परिषद में बगावत, BJP के बाद कांग्रेस पार्षदों का इस्तीफा; सामने आई वजह

Agar Malwa Hindi News: आगर मालवा जिले में एकदम से राजनीतिक भूचाल आ गया. जिले की भाजपा के कब्जे वाली नगर परिषद में बगावत हो गई है. बगावत का झंडा पहले भाजपा के ही पार्षदों ने उठाया और इसके बाद कांग्रेस के पार्षद भी इसमें शामिल हो गए. नगर परिषद में पंद्रह पार्षद हैं. इनमें से चार भाजपा पार्षदों ने अपने इस्तीफे का पत्र कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को सौंपा.

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बीजेपी पार्षदों के इस्तीफे के तुरंत बाद कांग्रेस ने पांच पार्षद भी अपना इस्तीफा लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए. पार्षदों ने आरोप लगाया है कि परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है और वार्डों में कोई काम नहीं हो रहे है. बीजेपी के पार्षदों का कहना है कि तीन महीने पहले उन्होंने प्रमाण ने साथ शिकायत की थी मगर अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

परिषद अध्यक्ष और सीएमओ पर गंभीर आरोप

वहीं, कांग्रेस के पार्षद नगर परिषद अध्यक्ष और सीएमओ पर भ्रष्टाचार के साथ-साथ भेदभाव के भी आरोप लगा रहे है. पंद्रह पार्षदों वाली बडौद नगर परिषद में भाजपा के आठ पार्षद विजय हुए थे, एक निर्दलीय ने भाजपा का दामन थाम लिया था और छह पार्षद कांग्रेस के है. अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम तरह पार्षदों की आवश्यकता है, जबकि इस्तीफा का पत्र पार्षदों ने सौंपा है. ऐसे  में पूरी स्थिति पर नजरे लगा कर कांग्रेस चांस लेना चाहती है.

तीन पहले भी पार्षदों ने दिया था धरना

नगर परिषद बड़ौद में लंबे समय से राजनीतिक खींचतान चल रही है. तीन महीने पहले भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए धरना दिया था. इसके बाद कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने मामले की जांच के लिए SDM मिलिंद ढ़ोके को नियुक्त किया था और यह आश्वासन दिया गया था कि सात दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. मगर तीन महीने बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

राजनीति ने फिर ली करवट

इसी बीच सोमवार दोपहर को अचानक से राजनीति ने करवट ली और भाजपा के चार पार्षद अपने सामूहिक इस्तीफे का पत्र लेकर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के पास पहुंच गए. भाजपा पार्षदों का यह भी आरोप है कि संगठन को स्थिति से बार बार अवगत करवाया गया मगर ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे वे उनके पास इस्तीफे के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

भाजपा के बागी पार्षदों का नेतृत्व कर रहे पार्षद सुंदर जैन ने एनडीटीवी को बताया कि कलेक्टर से मिलकर उन्होंने इस्तीफे सौंप दिए है. हमारी यही मांग है कि या तो दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए या फिर उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए.

सीएमओ नियमों के खिलाफ काम कर रहे

कांग्रेस पार्षदों के दल का नेतृत्व कर रहे पार्षद यूसुफ बोहरा ने आरोप लगाया कि सीएमओ नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. भ्रष्टाचार सारी हद लांघ चुका है और कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में किसी भी तरह के विकास कार्य नहीं हो पा रहे है. प्रशासन से मांग है कि जांच में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए. हमारे कास तेरह पार्षदों का समर्थन है. हम अविश्वास प्रस्ताव का कदम भी उठाएंगे.

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