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RSS को ISI का एजेंट कहने वाले मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बड़ी राहत, MP-MLA कोर्ट ने किया बरी

दिग्विजय सिंह ने कहा कि बजरंग दल की आईटी सेल (IT Cell) का अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना पकड़ाया गया था, उसने बताया था कि बजरंग दल के लोग आईएसआई से पैसा लेकर जासूसी करते हैं. मेरा बीजेपी पर आरोप है कि उस पर (जो जासूसी कर रहे थे उन पर) देशद्रोह का मुकद्दमा क्यों नही चलाया गया? उसे जमानत मिल गई, उसे खारिज करने के लिए अपील क्यों नहीं की गई?

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RSS को ISI का एजेंट कहने वाले मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बड़ी राहत, MP-MLA कोर्ट ने किया बरी

MP-MLA Court Gwalior: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister and Senior Congress Leader Digvijay Singh) को ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है. आरएसएस (RSS) को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर उनके खिलाफ यहां मानहानि का एक मामला (Defamation Case) चल रहा था, जिसमें आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए दिग्विजय सिंह को बरी कर दिया है. जिस समय फैसला सुनाया गया उस समय दिग्विजय सिंह कोर्ट में मौजूद थे.

क्या है मामला?

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक बयान आया था. जिसमें उन्होंने बीजेपी (BJP) और बजरंग दल (Bajrang Dal) को आतंकवादी संगठन आईएसआई (Terrorist Organization ISI) का सहयोगी बताया था. इस बयान को लेकर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने 2019 में ग्वालियर जेएमएफसी कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था. भदौरिया द्वारा पेश की गई याचिका में उन्होंने खुद को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का विशेष आमंत्रित सदस्य बताया था. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तरफ से दावा किया गया था कि याचिकाकर्ता भदौरिया भाजयुमो के मेम्बर या पदाधिकारी नहीं हैं. भदौरिया ने इस सबंध में रिकॉर्ड पेश किया, जिसमें बताया गया कि जब सतीश सिंह सिकरवार भाजयुमो के अध्यक्ष थे तो उन्होंने ही भदौरिया को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया था. गौरतलब है कि सिकरवार अब कांग्रेस से विधायक हैं.

लंबे से चल रही सुनवाई के बाद आज आया फैसला

इस मामले में कई सालों तक सुनवाई के बाद आज फैसले की तारीख मुकर्रर थी. इसके लिए दिग्विजय सिंह को भी नोटिस भेजा गया था, जिसका पालन करते हुए दिग्विजय सिंह ग्वालियर आकर एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में उपस्थित हुए. वहीं फैसला सुनाते हुए कोर्ट (Court) ने दिग्विजय सिंह को बरी कर दिया. दिग्विजय सिंह के वकील संजय शुक्ला ने बताया कि परिवाद को लेकर हमारा कानूनी आधार था, धारा 499 के अपवाद 9 के आधार पर न्यायालय ने बरी किया है. न्यायालय पर हमें पूर्ण विश्वास है. कोर्ट ने माना कि वक्तव्य तो दिया गया और वह अखबारों में भी छपा था, लेकिन परिवादी स्वयं अपने आरोप को सिद्ध नहीं कर पाए, इसलिए हमारे पक्षकार को अपवाद 9 के अंतर्गत बरी कर दिया गया.

फैसले के बाद दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?

दिग्विजय सिंह ने कहा कि बजरंग दल की आईटी सेल (IT Cell) का अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना पकड़ाया गया था, उसने बताया था कि बजरंग दल के लोग आईएसआई से पैसा लेकर जासूसी करते हैं. मेरा बीजेपी पर आरोप है कि उस पर (जो जासूसी कर रहे थे उन पर) देशद्रोह का मुकद्दमा क्यों नही चलाया गया? उसे जमानत मिल गई, उसे खारिज करने के लिए अपील क्यों नहीं की गई? दोष मुक्त होने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय ने कहा है कि  जो न्यायालय का फैसला है वह स्वीकार है. मेरे ऊपर अभी तक 6 मामले चल रहे थे, अब पांच रह गए हैं. आरएसएस ने मेरे खिलाफ मानहानि का दावा किया है और दो केस ओवैसी के पार्टी ने किया और एक बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने किया है अगर मैं कोई सच बोलता हूं तो वह चुभता है, लेकिन सच्चाई की जीत होती है. 2011 में मैंने कहा था कि बाबा रामदेव ठग है और फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी कहा.

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