MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह जिले में बीते आठ सालों से बैंकिंग कर रही LJCC बैंक ने लोगों के साथ छोटी-मोटी नहीं बल्कि करोड़ों की ठगी करके भाग गई. बता दें कि इस बैंक को कृषि मंत्रालय भारत सरकार से रेजिस्टर्ड बताकर चलाया जा रहा था. इस बैंक ने अपने एजेंटों के माध्यम से घर-घर जाकर पैसा जमा किया और FD के साथ बॉन्ड्स में निवेश का लालच देकर खूब पैसे वसूले. जब मेच्योरिटी का समय आया तो बैंक मैनेजर राहुल असाटी बैंक बंद कर करोड़ों की रकम लेकर फरार हो गए. अब अपनी जमा पूंजी फंसने के बाद लोग परेशान हाल में पुलिस के चक्कर काट रहे हैं.
लोगों ने एजेंटों को पकड़ा
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा परेशान बैंक के वे एजेंट हैं जिन्होंने अपने संबंधों के आधार पर परिचितों, रिश्तेदारों और संबंधियों की पूंजी जमा कराई थी. अब उनकी अपनी नौकरी भी चली गई है. अपुष्ट खबरों के अनुसार, मुख्य सरगना आलोक जैन को ललितपुर में हिरासत में लिया गया है.
धोखाधड़ी का नया तरीका
कोट, सूट, बूट, टाई लगाए ये लोग, कृषि मंत्रालय से संबद्ध अपना LJCC बैंक बताकर दमोह के लगभग तीन सौ एजेंट्स के जरिए गांव के इलाकों की भोली-भाली जनता को बड़े-बड़े ख्वाब दिखाकर उनसे पैसे जमा कराते थे. वे दिल्ली, मुंबई, झांसी और ललितपुर के व्यापारियों को पैसा भेजा करते थे. पहले तो लोगों को समय पर भुगतान किया गया, लेकिन जब बड़ी मेच्योरिटी का वक्त आया, तो बैंक प्रबंधक बैंक बंद कर फरार हो गया.
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क्या बोले जिला SP ?
बैंक बंद और अधिकारियों के फोन बंद होते ही लोगों को लगा कि उनके साथ बड़ा धोखाधड़ी हुआ है. परेशान खाताधारियों और एजेंटों ने SP को इस घोटाले की खबर दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में दस करोड़ से ऊपर रुपया खाताधारियों का फंसा हुआ है और 300 से ज्यादा एजेंटों की नौकरी चली गई है. SP ने कोतवाली में लिखित शिकायत और पूरी जानकारी जमा करने की सलाह दी और सभी को आश्वासन दिया कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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