Digital Arrest Scam: लोकसभा के शून्यकाल में आज एक ऐसा मुद्दा उठा, जिसने पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया, डिजिटल अरेस्ट और बढ़ते फाइनेंशियल फ्रॉड्स का भयावह खतरा. रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस नए तरह के साइबर अपराधों को “मनोवैज्ञानिक हमला” बताते हुए सरकार से तात्कालिक और कठोर कदम उठाने की मांग की. साथ ही, सांसद संतोष पाण्डेय ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने का सवाल भी संसद में उठाया. यह पूरा मामला देश की सुरक्षा, संस्कृति और नागरिकों के सम्मान से जुड़ा हुआ है.
डिजिटल अरेस्ट पर बृजमोहन अग्रवाल की गंभीर चिंता
लोकसभा में बोलते हुए रायपुर सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि देशभर में “डिजिटल अरेस्ट” और “फाइनेंशियल फ्रॉड” के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ साइबर अपराध नहीं, बल्कि लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवनभर की मेहनत से जमा की गई संपत्ति पर सीधा हमला है.
कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट?
अग्रवाल ने बताया कि अपराधी वीडियो कॉल पर खुद को CBI या पुलिस अधिकारी बताते हैं और पीड़ितों को कई दिनों तक “डिजिटल निगरानी” में रखते हैं. झूठी धमकियों के दबाव में लोग अपनी पूरी बचत तक गंवा देते हैं. उन्होंने संसद में बताया कि एक महिला ने सितंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच करीब ₹32 करोड़ गंवा दिए, जो इस अपराध की गंभीरता को दिखाता है.
सीनियर सिटिज़न्स सबसे ज्यादा शिकार
सांसद के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट भी डिजिटल अरेस्ट को “बड़ी चुनौती” मान चुका है. अधिकतर शिकार वरिष्ठ नागरिक बन रहे हैं, जिनसे ₹3,000 करोड़ से ज्यादा की ठगी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जब कोई पीड़ित घबराहट में भारी रकम ट्रांसफर कर देता है, तो बैंकिंग सिस्टम उसे सामान्य लेन-देन की तरह प्रोसेस कर देता है.
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AI-आधारित सुरक्षा प्रणाली लागू करने की मांग
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से AI-आधारित सेफ्टी होल्ड गाइडलाइंस और एस्कॉ मैकेनिज्म लागू करने का आग्रह किया. उन्होंने सिंगापुर के “मनी लॉक फीचर” और उनकी एंटी-फ्रॉड पॉलिसी का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय बैंकों को भी इसी तरह की AI-driven सुरक्षा प्रणाली अपनानी होगी.
लेन-देन की स्पीड नहीं, जमाकर्ता की सुरक्षा हो प्राथमिकता
अग्रवाल ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम को बदलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि “नागरिकों की जीवनभर की कमाई एक पल की घबराहट में खत्म न हो, इसके लिए सुरक्षा को गति से ज्यादा महत्व देना होगा.”
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इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग
संसद में आज संस्कृति और शिक्षा से जुड़ा मुद्दा भी उठा. भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता और सांसद संतोष पाण्डेय ने राजनांदगांव के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की जोरदार मांग रखी.
एशिया का पहला कला विश्वविद्यालय—फिर भी केंद्रीय दर्जे से वंचित
सांसद पाण्डेय ने कहा कि यह विश्वविद्यालय 1956 से स्थापित है और शास्त्रीय संगीत व नृत्य कलाओं का सम्मानित केंद्र है. यह एशिया का पहला विश्वविद्यालय है, जहां कत्थक, भरतनाट्यम,लोक संगीत और कई कला विधाओं की उच्च शिक्षा दी जाती है. उन्होंने बताया कि यहां विदेशी छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं, इसलिए इसे “केंद्रीय विश्वविद्यालय” का दर्जा मिलना चाहिए.