Road Map For Agriculture: केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ऐलान किया कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्यवार कृषि रोडमैप तैयार किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उद्देश्य की पूर्ति के लिए फसलवार किसानों, कृषि वैज्ञानिकों व कृषि उद्यमियों से साझा चर्चा कर कृषि रोडमैप तैयार कराया जाएगा.
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64वी अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान कार्यकर्ता गोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ खेती की लागत घटाने व कृषि उत्पादकता बढ़ाने का काम कर रही है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हितों की लक्ष्य की पूर्ति के लिए फसलवार किसानों, कृषि वैज्ञानिकों व कृषि उद्यमियों से साझा चर्चा कर देश के हर राज्य का कृषि रोडमैप तैयार कराया जाएगा, जो पानी, मिट्टी की प्रकृति व जलवायु का ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा, क्योंकि सरकार का प्रयास है कि कुछ ही नहीं, बल्कि सभी किसानों की आय में वृद्धि हो.
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गौरतलब है ग्वालियर आयोजित तीन दिवसीय कृषक गोष्ठी में देश के 12 राज्यों से आए कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी एवं कृषि विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं. केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कृषि गोष्ठी में मौजूद कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे कृषि उत्पादकता बढ़ाने व खेती की लागत घटाने के लिए फसल विविधीकरण व एकीकृत खेती को बढ़ावा दें.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने लैब (प्रयोगशाला) व लैंड (जमीन) को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए-नए अनुसंधान किसानों तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि कृषक गोष्ठी में विचार मंथन से निकलकर आए सुझावों पर आगामी 14 व 15 सितम्बर को नई दिल्ली में आयोजित होने जा रही “रबी कॉन्फ्रेंस” में चर्चा की जाएगी.
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साल 2025 में देश में गेहूं के रिकॉर्ड 117.5 मिलियन टन उत्पादन की चर्चा करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा सरकार की किसान हितैषी योजनाओं की बदौलत पिछले 10 सालों में कृषि उत्पादन में 44 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. सरकार का प्रयास है कि वैश्विक उत्पादन के समकक्ष हमारे देश में कृषि उत्पादन हो.
उन्होंने गेहूं को भारत की खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास एवं ग्रामीण आजीविका का स्तंभ बताया और कहा आज हमारा देश गेहूं के प्रचुर उत्पादन की बदौलत खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है और विश्व के अन्य देशों का पेट भरने की क्षमता रखता है. आगे कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत सम्पूर्ण विश्व के लिए फूड बास्केट बने.
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किसानों को उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले उर्वरक, कीटनाशक व दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने कीटनाशक व दवाएं तैयार करने वाली कंपनियों के उत्पादों की निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत आईसीएआर एवं कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से जांच कराई है.
बकौल केद्रीय कृषि मंत्री, पहले देश में लगभग 30 हजार प्रकार के पेस्टीसाइट व दवाओं का विक्रय होता था. जांच शुरू होने पर 22 हजार प्रकार की दवाईयां बाजार से गायब हो गई हैं और जांच के बाद अब तक 642 प्रकार की पेस्टीसाइट व दवाएं प्रमाणित पाई गई हैं, जिन्हें ही विक्रय करने की अनुमति है.
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कृषक गोष्ठी में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अरविन्द कुमार शुक्ला ने मिट्टी में जिंक व सल्फर तत्वों की कमी की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया और हरियाणा की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी पराली प्रबंधन नीति लागू करने का आग्रह किया.