
Bhopal Police News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस नया प्रयोग करने जा रही है. ये जानकर आप थोड़ा चौंक सकते हैं कि भोपाल पुलिस बकायदा लिस्ट बनाकर बदमाशों को रिटायरमेंट देने जा रही है. रिटायरमेंट मतलब-पुलिस की थाने में मौजूद रहने वाली गुंडा लिस्ट से उन्हें बाहर किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों ने मन बनाया है कि 60 साल पूरे कर चुके बदमाश जो अब सुस्त पड़ चुके हैं या फिर काफी वक्त से उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं आई है तो उन्हें रिटायर कर दिया जाए. इसके अलावा नए सिरे से हो रही प्रोफाइलिंग की इस कवायद में गंभीर अपराध करने वालों के नामों की एंट्री होने जा रही है. कुल मिलाकर पुलिस जो प्रोफाइल तैयार रही है उसे A B C तीन कैटरेगरी में बांटा जा रहा है. बदमाशों को उनकी करतूतों के हिसाब से अलग-अलग कैटरेगरी में रखा जा रहा है. खुद पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने गुंडा लिस्ट अपडेट किए जाने की पुष्टि की है.

इन बदमाशों को मिलेगा "गुंडा सूची' में प्रमोशन
दूसरे शब्दों में कहें तो भोपाल में अपराध की दुनिया में भी रिटायरमेंट की घंटी बजने लगी है.जिन गुंडों ने तीन से ज़्यादा गंभीर अपराध किए हैं, वो अब ‘गुंडा सूची' में प्रमोशन पा रहे हैं… और जिनका खून अब खौलने की जगह BP बढ़ाता है, उन्हें पुलिस ‘सम्मानपूर्वक विदाई' देने जा रही है.कुछ उदाहरणों से इसे अच्छे से समझा जा सकता है. मसलन- भोपाल में एक बदमाश है- रईस पेजर.... नाम से ही साफ है कि ये जनाब पेजर के जमाने के बदमाश रहे हैं. अब काफी अरसे से रईस पेजर की कोई शिकायत नहीं आई तो अब वो गुंडा लिस्ट से बाहर हो सकता है. इसी तरह से एक और बदमाश पप्पू बैट्री...उनके बारे में ये कहा जाता है कि पुराने ज़माने की टार्च भले ही खराब हो जाए, लेकिन पप्पू की बदमाशी कभी बंद नहीं होती. लिहाजा अब वो इस लिस्ट में जगह बनाने के काबिल हो गए हैं.
अंतिम दौर में है ‘गुंडा रिटायरमेंट अभियान'!
बता दें कि भोपाल पुलिस का ये ‘गुंडा रिटायरमेंट अभियान' अंतिम दौर में है. कानून के जानकार कह रहे हैं कि ये नई योजना का पायलट प्रोजेक्ट है. पूर्व पुलिस अधिकारी सलीम खान ने बताया कि पुलिस गुंडा लिस्ट और निगरानी शुदा बदमाशों की सूची को अपडेट करती रहती है. ये तीन कैटेगरी में तैयार होती है. पुलिस लिस्ट के तीनों कैटगरी के बदमाशों पर निगरानी रखती है लेकिन नए सिरे से प्रोफाइलिंग होने से पुलिस पर काम का दबाव कम होगा. पगले जहां थानों में अपराधियों की फोटो आपका ध्यान खींचती थी वहीं अब सिर्प कीलें की लटकर रही हैं. नए BNS कानून के मुताबिक अब गुंडों की सूची में सिर्फ नाम हैं, और शायद 'QR कोड' भी जल्द जोड़ दिया जाए ताकि बदमाशों का अपराध स्कैन किया जा सके.
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