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This Article is From Oct 06, 2023

Bhopal Gas Tragesy Update: डाउ कंपनी के खिलाफ कोर्ट का सख्त रुख, 25 नवंबर को पेश होने के दिए आदेश

कोर्ट ने 25 नवंबर को अगली सुनवाई में लिखित जवाब के साथ भोपाल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है, इस कंपनी को 7 बार समन भेजने के बाद हाल में ही इनकी तरफ से पहली बार वकील पेश हुए थे. इसके साथ ही कंपनी को भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की 26 फरवरी 2004 की याचिका का भी जवाब देना होगा.

Bhopal Gas Tragesy Update: डाउ कंपनी के खिलाफ कोर्ट का सख्त रुख, 25 नवंबर को पेश होने के दिए आदेश
भोपाल गैस त्रासदी के लिए डाउ कंपनी को ही जिम्मेदार माना गया था. 
भोपाल:

Madhya Pradesh News:  भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) को कई साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी कई लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है. इस मामले में भोपाल कोर्ट (Bhopal Court) ने डाउ कम्पनी को दिए गए नोटिस को तामील मान लिया है. 3 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कम्पनी के प्रतिनिधि ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया था. इस पर ज्यूरिडिक्शन के मामले को लेकर कोर्ट ने विस्तृत जानकारी भी कंपनी से मांगी है.

25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने 25 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान लिखित जवाब के साथ भोपाल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं, इस कंपनी को 7 बार समन भेजने के बाद हाल में इनकी तरफ से पहली बार कोई प्रतिनिधि पेश हुआ था. इसके साथ ही कंपनी को भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की 26 फरवरी 2004 की याचिका का भी जवाब देना होगा. इस याचिका में कहा गया था कि डाउ केमिकल ने जानबूझकर एक ऐसी कम्पनी का अधिग्रहण किया, जो भारत सरकार और भारत की अदालतों द्वारा एक घोषित भगोड़ी कम्पनी है. भोपाल गैस त्रासदी के लिए डाउ कंपनी को ही जिम्मेदार माना गया था. 

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कानूनी रूप से है जरूरी

इसलिए आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए कार्बाइड को भोपाल जिला अदालत में पेश करना डाउ का कानूनी रूप से जरूरी है. इसके साथ ही भोपाल जिला अदालत के आदेश जो डाउ कारपोरेशन  इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के आपराधिक दायित्व और 2005 के एक दूसरे आदेश जो डाउ केमिकल USA द्वारा यूनियन कार्बाइड को अदालत में ना पेश करने के सम्बन्ध या एक भगोड़े को शरण देने के सम्बन्ध में था उस पर भी तर्क और लिखित कथन करने के लिए निर्देशित किया है.

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