Bhopal Gas Kaand: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने मंगलवार को दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं (Industrial Disaster) में से इस एक की 40वीं बरसी पर विरोध रैली निकाली और प्रभावितों के साथ हुए 'अन्याय' को समाप्त करने की मांग की. अब बंद हो चुके यूनियन कार्बाइड कारखाने (Union Carbide Factory) के संबंध में ‘कॉर्पोरेट अपराध' का पुतला लेकर प्रदर्शनकारियों ने पीड़ितों को न्याय और सम्मानजनक जीवन से वंचित करने में निरंतर संलिप्तता के लिए विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं और राहत संगठनों की निंदा की.
'भोपाल का इंसाफ करो'
विरोध रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने तख्तियां लेकर ‘‘भोपाल का इंसाफ करो'' का नारा लगाते हुए परित्यक्त फैक्ट्री स्थल की ओर मार्च किया. भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने भारत में यूनियन कार्बाइड और डॉव केमिकल को लगातार मुकदमे से बचाया है.
क्या थी घटना
वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से अत्यधिक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) लीक हुई, जिससे 5,479 लोगों की मौत हो गई और पांच लाख से अधिक लोग अपंग हो गए.
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लोगों ने किए बड़े दावे
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने दावा किया कि सभी वैज्ञानिक अध्ययन पांच लाख बचे लोगों में बीमारियों और मौतों तथा उनके बच्चों पर पड़ रहे स्वास्थ्य प्रभावों की ओर इशारा कर रहे हैं. ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन' की प्रतिनिधि रचना ढींगरा ने दावा किया कि यूनियन कार्बाइड के स्वामित्व वाली कंपनी डॉव केमिकल का भारत में कारोबार मौजूदा केंद्र सरकार के कार्यकाल में 10 गुना से अधिक बढ़ गया है.
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