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भोजशाला विवादः ASI ने हाई कोर्ट में पेश की 2000 पन्नों की रिपोर्ट, जानें- कितनी मूर्तियां मिलने का है दावा

Dhar Bhojshala Disputes: एएसआई के अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने बताया कि हाई कोर्ट इंदौर में टीम ने कुल 2000 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है. भोजशाला परिसर में एएसआई का सर्वेक्षण कार्य गत 22 मार्च को शुरू हुआ था और सर्वे का काम 27 जून को खत्म हुआ. 

भोजशाला विवादः  ASI ने हाई कोर्ट में पेश की 2000 पन्नों की रिपोर्ट, जानें- कितनी मूर्तियां मिलने का है दावा
फाइल फोटो

ASI Report On Bhojshala Disputes:  धार जिले में स्थित भोजशाला और कमाल मोला मस्जिद विवाद में हाई कोर्ट इंदौर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सोमवार को रिपोर्ट पेश कर दिया है. कुल 98 दिनों तक भोजशाला परिसर में संपन्न हुए सर्वेक्षण और खुदाई में मिले अवशेषों की रिपोर्ट ASI ने कोर्ट में पेश कर दिया , जिसकी सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी.

एएसआई के अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने बताया कि हाई कोर्ट इंदौर में टीम ने कुल 2000 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है. भोजशाला परिसर में एएसआई का सर्वेक्षण कार्य गत 22 मार्च को शुरू हुआ था और सर्वे का काम 27 जून को खत्म हुआ. 

ASI अधिवक्ता ने कहा,  1 दिन पहले ही टीम द्वारा रिपोर्ट सौंप दी गई थी

एएसआई अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने बताया कि एक दिन पहले ही ASI की टीम द्वारा उन्हें रिपोर्ट दी गई थी, जिसे सील बंद लिफाफे में हाई कोर्ट में सबमिट कर किया गया ह. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट का निर्देश हैं कि मामले की किसी भी तरह की रिपोर्ट खासकर मीडिया को जानकारी नहीं दी जाए इसलिए वह इस मामले में ज्यादा बात नहीं करेंगे.

98 दिनों के सर्वे के बाद ASI को प्राप्त हुईं थी 37 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां

भोजशाला परिसर में एएसआई द्वारा 98 दिनों तक की गई सर्वेक्षण और खुदाई कार्य में हिंदू देवी -देवताओं की 37 मूर्तिया प्राप्त हुईं हैं, जिसके आधार पर हिंदू पक्ष के याचिककर्ता भोजशाल परिसर पर अपना दावा मजबूत बता रही हैं. खुदाई में मिली मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है. सर्वे के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं.

 एएसआई के सर्व को लेकर मुस्लिम पक्ष द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है. उनके द्वारा हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुरूप सर्वे में नहीं किए जाने की आपत्ति न्यायालय में स्वीकार की गई थी. अब देखना यह होगा की रिपोर्ट को मुस्लिम पक्ष कितना सही मानता है.

11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे का मिला था आदेश

गौरतलब है इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश दिया था. 22 मार्च से  27 जून तक एएसआई ने कुल 98 दिनों तक भोजशाला परिसर में सर्वे का काम पूरा किया. सर्वे के दौरान खुदाई की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई गई, इसमें जीपीआर और जीपीएस की भी सहायता ली गई.

खुदाई में मिली कई देवताओं की मूर्तियां, जैन तीर्थकरों की भी मूर्तिया मिली

एएसाई के सर्वे में मिले पुरावशेष के आधार पर हिंदू अनुयायी भोजशाला को मंदिर साबित कर रहे हैं.सर्वे में खुदाई में मिले पुरावशेषों में 37 मूर्तियों में भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं. इनमें भगवान गणेश की दो मूर्तियां प्रमुख हैं. इनमें जैन तीर्थंकर की मूर्तियां भी शामिल है.

एएसआई के सर्वेक्षण को लेकर मुस्लिम पक्ष ने जता चुकी है आपत्ति

धार भोजशाला और कमाल मौला मस्जिद के मामले में एएसआई के सर्व को लेकर मुस्लिम पक्ष द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है. उनके द्वारा हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुरूप सर्वे में नहीं किए जाने की आपत्ति भी न्यायालय में स्वीकार की गई थी अब देखना यह होगा की रिपोर्ट को मुस्लिम पक्ष कितना सही मानता है.

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