Bhind Bhim Army Controversy: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में सवर्ण समाज और दलित समाज के बीच सोशल मीडिया पर चल रहे विवाद के बीच एक नया और गंभीर मोड़ सामने आया है. भीम आर्मी से जुड़े दो पूर्व पदाधिकारियों का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद जिले की राजनीति, प्रशासन और सामाजिक संगठनों में खलबली मच गई है. वायरल ऑडियो में पैसों के लालच में सवर्ण समाज के लोगों पर झूठी FIR दर्ज कराने और उसे “धंधे” की तरह इस्तेमाल करने की बातचीत होने का दावा किया जा रहा है.
वायरल ऑडियो भीम आर्मी के पूर्व जिलाध्यक्ष सौरभ जाटव और पूर्व संभागीय पदाधिकारी देशराज धारिया के बीच का बताया जा रहा है. करीब तीन मिनट छह सेकेंड के इस ऑडियो में दोनों के बीच FIR दर्ज कराने को लेकर तीखी बहस हो रही है. बातचीत में सौरभ जाटव कहते हैं कि तुमने FIR कैसे दर्ज करवा दी गई, आवेदन और ज्ञापन तो मैंने दिया था. जवाब में देशराज धारियां कहते हैं कि उन्होंने फोन किया था, लेकिन फोन नहीं उठाया गया. इस पर सौरभ जाटव स्पष्ट कहते हैं कि उनके पास कोई कॉल नहीं आया. सुनिए ऑडियो...
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भीम आर्मी ने किया किनारा
ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भीम आर्मी के भीतर हड़कंप मच गया. संगठन और आजाद समाज पार्टी की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया सामने आई. पार्टी एवं संगठन के प्रभारी आदित्य वर्धन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि सौरभ जाटव और देशराज धारियां अब पार्टी या संगठन के किसी भी पद या दायित्व में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह दोनों की निजी बातचीत है और इसे संगठन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने इसे भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी की छवि खराब करने की साजिश करार दिया.
कड़ी कार्रवाई की मांग
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवर्ण समाज के संगठन भी सक्रिय हो गए हैं. परशुराम सेना के जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव को लिखित शिकायत सौंपते हुए दोनों पूर्व पदाधिकारियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि दोनों व्यक्ति सवर्ण और ओबीसी वर्ग के लोगों पर झूठी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं और पुलिस पर दबाव बनाकर फर्जी FIR कराई जा रही हैं. शिकायत के साथ वायरल ऑडियो की प्रति भी पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है.
सवर्ण और दलित समाज ने की जांच की मांग
सवर्ण समाज का कहना है कि यदि ऑडियो में की गई बातचीत सही पाई जाती है तो यह न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की साजिश भी है. वहीं, दलित समाज के कुछ लोगों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिससे सच सामने आ सके.
दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे
पुलिस ने शिकायत और ऑडियो दोनों को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है. ऑडियो की सत्यता, बातचीत के संदर्भ और FIR से जुड़े तथ्यों की जांच की जा रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी और यदि किसी भी स्तर पर कानून का दुरुपयोग सामने आता है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह मामला भिंड जिले में पहले से चल रहे सामाजिक तनाव को और गहरा करता नजर आ रहा है, जिस पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है.