
Wakf Property: मध्य प्रदेश के बैतूल में वक्फ संपत्ति से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है. 82 साल पहले एक बुजुर्ग ने मस्जिद में चिरांग जलाने के लिए जमीन दान की थी, जिसे अब उनके पोते ने वापस लेने की कोशिश की। हालांकि, अदालत ने सुनवाई के बाद बुजुर्ग के पोते का दावा खारिज कर दिया. साथ ही आदेश दिया कि वक्फ की गईं जमीन मस्जिद के पास ही रहेगी.
ये है मामला
दरअसल साल 1943 में आमला निवासी हाकम खान ने अपनी 5 हेक्टेयर कृषि भूमि आमला स्थित मस्जिद के लिए वक्फ कर दी थी. दान पत्र के अनुसार, इस जमीन की आमदनी से मस्जिद के लिए तेल पानी की व्यवस्था की जानी थी. पिछले 80 सालों से यह व्यवस्था दान पत्र के अनुसार चल रही थी.
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पोते ने सिविल कोर्ट में दावा किया था दायर
साल 2024 में हाकम खान पोते भोपाल निवासी परवेज खान ने आमला सिविल कोर्ट में वाद दायर किया था. उन्होंने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष शकील पिता समी खान, बबलू पिता समी खान, जाहिद पिता समी खान और कलेक्टर बैतूल को पार्टी बनाते हुए केस दर्ज किया गया था. परवेज का दावा था कि उनके दादा ने यह जमीन मस्जिद को कभी दान नहीं की थी और इसे वापस उनके परिवार को सौंपा जाए.
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