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MP में जल संकट का साइड इफेक्ट ! UPSC की तैयारी कर रहे इंजीनियर बेटे को पिता ने गांव वापस बुलाया, कहा-अब पानी भरो

MP's Engineer: सपने को साकार करने में कभी पैसा और कभी प्रेरणा रोड़ा बनते हैं, लेकिन बड़वानी जिले के मंसाराम को अफसर बनने के सपने में गांव का जल संकट रोड़ा बन गया. आईपीएस बनने का सपना लिए ग्वालियर पहुंचे युवक को भीषण जल संकट से निपटने के लिए शहर छोड़ना पड़ गया. 

MP में जल संकट का साइड इफेक्ट ! UPSC की तैयारी कर रहे इंजीनियर बेटे को पिता ने गांव वापस बुलाया, कहा-अब पानी भरो
Barwani Youth returned home to Help father in water crisis

Horrible Water Crisis:  बड़वानी जिले के एक युवक के अफसर बनने को सपने को बीच में छोड़कर गांव की ओर रुख करने को मजबूर होना पड़ गया. वजह है गांव में बढ़ा जल सकंट. ग्वालियर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवक को उसके पिता ने गांव बुला लिया ताकि संकट से निपटने में मदद मिल सके, जिससे युवक के सपने पर ग्रहण सा लग गया है. 

सपने को साकार करने में कभी पैसा और कभी प्रेरणा रोड़ा बनते हैं, लेकिन बड़वानी जिले के मंसाराम को अफसर बनने के सपने में गांव का जल संकट रोड़ा बन गया. आईपीएस बनने का सपना लिए ग्वालियर पहुंचे युवक को भीषण जल संकट से निपटने के लिए शहर छोड़ना पड़ गया. 

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गांव का जल संकट बड़ा हो गया, ग्वालियर छोड़ मंसाराम को बड़वानी लौटना पड़ा 

रिपोर्ट के मुताबिक बड़वानी जिले के आदिवासी ग्राम खेरवानी निवासी मंसाराम एक इंजीनियर हैं. उसका सपना है कि एक दिन वह आईपीएस अफसर बने और अपने गांव और परिवार नाम रोशन करें, लेकिन उसके सपनों के बीच में गांव का भीषण जल संकट आकर खड़ा हो गया है. इससे युवक को ग्वालियर छोड़कर बड़वानी लौटना पड़ा है. 

भीषण गर्मी में सूखे सभी जल स्रोत, ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा

दरअसल, भीषण गर्मी के समय आदिवासी गांव खेरवानी में जल स्रोत सुख गए है. ग्राम वासियों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसे में मंसाराम ने आईपीएस बनने के सपने को अधूरा छोड़कर गांव लौट आए. मंसाराम ग्वालियर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, और रोजाना अब उन्हें गांव के जल संकट से जूझना पड़ रहा है.

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मंशाराम को भीषण जल संकट से निपटने के लिए रोज सुबह घर से 4 किमी दूर एक पोखर पर जाना पड़ता है. पानी की समस्या कितनी भयावह है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जल सकंट में हाथ बंटाने के लिए अफसर बनने जा रहे बेटे को पिता को गांव बुलाना पड़ गया.

ग्राम खेरवानी में ग्रामवासियों को दूर से ढोकर लाना पड़ता हैं जरूरत का पानी

गौरतलब है इंजीनियर मंसाराम ने ग्राम खेरवानी में मौजूदा पानी की समस्या को लेकर कई बार ग्राम पंचायत सेमलेट में अर्जी लगाई और विधायक और सांसद से भी मामला में हस्तक्षेप की गुजारिश की और पीएचई विभाग का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन मदद नहीं मिली. ऐसे में ग्रामवासियों को जरूरत का पानी दूर से गधों पर ढोकर लाना पड़ता हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि उनके फलिया में न हैंडपंप है और न ही कुआं, इसलिए उन्हें पीने का पानी दूर से लाना पड़ता है, जिसमें घर के बच्चों से लेकर बूढ़े-बुजुर्ग को भी जूझना पड़ता हैं, लेकिन पानी की समस्या के समाधान की जगह अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आया है. 

पानी की समस्या चलते गांव खरेवानी के करीब 25 लड़के कुंवारे रह गए 

पानी की समस्या से सिर्फ मंसाराम ही नहीं, जिनके सपने टूट रहे है, ऐसे सैंकड़ों युवा है, जिनके सपनों पर पानी की भीषण समस्या अपना नहीं हो रहा है . पानी की समस्या इतनी भयावह है कि गांव में लगभग 25 लड़के कुंवारे रह गए हैं, जिनके घरों में लोगों ने अपनी बेटी की शादी करने से मना कर दिया. 

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